चिकित्सक रहे हड़ताल पर, ओपीडी सेवाएं ठप
नेशनल मेडिकल कमीशन बनाने के सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ आज मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े देशभर के करीब तीन लाख चिकित्सक हड़ताल पर रहे

गाजियाबाद। नेशनल मेडिकल कमीशन बनाने के सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ आज मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े देशभर के करीब तीन लाख चिकित्सक हड़ताल पर रहे। लिहाजा निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों के ओपीडी सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक पूरी तरह बंद रही।
हालांकि कुछ अस्पतालों की ओपीडी में चिकित्सक बैठे हुए थे, लेकिन उन्होंने मरीजों का परीक्षण नहीं किया। जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। राजनगर स्थित आईएमए भवन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. शलभ गुप्ता के नेतृत्व में चिकित्सक ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद चिकित्सक ने एक बैठक कर रणनीति बनाई। बैठक के दौरान अध्यक्ष डा. शलभ गुप्ता ने कहा कि सरकार द्वारा मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के स्थान पर नया नेशनल मेडिकल कमीशन बिल संसद में प्रस्तुत किया जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा इसके वर्तमान स्वरूप में विरोध किया जा रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर यह बिल पास हुआ तो मेडिकल के इतिहास में काला दिन होगा।
इसकी वजह से इलाज महंगा होगा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस बिल के लागू होने से निजी मेडिकल कॉलेजों पर सरकार का शिकंजा मजबूत होगा। गाजियाबाद में भी इसका असर नजर आएगा। राजनगर स्थित आईएमए भवन में सभी चिकित्सक एकत्र होकर इस बिल का विरोध करेंगे। इंडियन मेडिकल काउंसिल को नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2017 के प्रावधानों से एतराज है। नए बिल के मुताबिक अब तक निजी मेडिकल कॉलेजों में 15 प्रतिशत सीटों का फीस प्रबंधन तय करती थी। अब नए बिल के मुताबिक प्रबंधन को 60 प्रतिशत सीटों का फीस तय करने का अधिकार होगा।
इसमें पहले 130 सदस्य होते थे और हर राज्य का तीन प्रतिनिधि होता था। अब नए बिल के मुताबिक कुल 25 सदस्य होंगे। जिसमें 36 राज्यों में से केवल 5 प्रतिनिधि ही होंगे। आयुष को ब्रिज कोर्स करवाकर इंडियन मेडिकल रजिस्टर में शामिल करने का प्रावधान है जो एमबीबीएस के लगभग बराबर होगा। एमबीबीएस के बाद भी प्रैक्टिस करने के लिए एक और परीक्षा देनी होगी। वहीं पहले यह परीक्षा विदेशों से एमबीबीएस करने वालों को देनी होती थी।
अब नए बिल में उनको इस एग्जाम से छूट है। संयुक्त अस्पताल में मंगलवार को 850 मरीजों ने पंजीकरण कराया, जबकि सोमवार को यह तादाद 429 थी। मरीजों की संख्या बढ़ने का अंदेशा होने पर सीएमओ ने चिकित्सकों को ओपीडी का समय एक घंटा बढ़ा कर तीन बजे तक करने का आदेश पहले ही दे दिया था।
गाजियाबाद में कुल निजी अस्पताल- 180
निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक-2,000
टीएचए में कुल निजी अस्पताल- 35
निजी चिकित्सक - करीब 4000


