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कठुआ दुष्कर्म-हत्या मामले का राजनीतिकरण न करें : सत्यार्थी

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कठुआ दुष्कर्म-हत्या मामले की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि यह देश के लिए शर्मिंदगी का विषय है और इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए

कठुआ दुष्कर्म-हत्या मामले का राजनीतिकरण न करें : सत्यार्थी
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नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कठुआ दुष्कर्म-हत्या मामले की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि यह देश के लिए शर्मिंदगी का विषय है और इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, "भारत में एक भी दिन बिना दुष्कर्म और बाल उत्पीड़न की रिपोर्ट के नहीं गुजरता। आठ वर्षीय पीड़िता (कठुआ दुष्कर्म पीड़िता) को राजनीति के मैदान में नहीं घसीटना चाहिए। हमें दुष्कर्म के खिलाफ जंग लड़नी होगी।"

सत्यार्थी यहां एक कार्यक्रम में 'चिल्ड्रेन कैन नोट वेट' नाम से रिपोर्ट को जारी करने के अवसर पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। यह रिपोर्ट देश में बच्चों के साथ हुए यौन दुर्व्यवहार और इन मामलों के लंबित होने के बारे में बताती है।

सत्यार्थी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की भी आलोचना की और कहा कि बच्चों से संबंधित मुद्दों को संसद में कभी नहीं उठाया जाता।

उन्होंने कहा, "संसद में हमारे बच्चों के लिए एक भी दिन चर्चा नहीं होती और ना ही उनकी जरूरतों के बारे में कुछ बात होती है। मैं सभी राजनीतिज्ञों से बच्चों के अधिकार और बच्चों के लिए कम से कम एक दिन समर्पित करने का आग्रह करता हूं।"

केंद्र सरकार द्वारा 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म पर नए कड़े कानून लाने की योजना पर उन्होंने कहा, "मौजूदा पोक्सो कानून मजबूत है, लेकिन समुचित कार्यान्वयन का अभाव है।"

उन्होंने कहा, "यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि पोक्सो के अंतर्गत दर्ज किए गए एक लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं। सरकार को इसे संभालने के लिए न्यायिक शक्तियों के साथ निकाय गठित करने के बारे में सोचना चाहिए। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून आपराधिक-केंद्रित न होकर पीड़ित-केंद्रित हो।"


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