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135 स्कूलों के हजारों बच्चों को नहीं बंटा खाना

गाजियाबाद परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाला मिड डे मील एवं पौष्टिक चीजों को स्कूलों के शिक्षक एवं ग्राम प्रधान डकार रहे हैं

135 स्कूलों के हजारों बच्चों को नहीं बंटा खाना
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गाजियाबाद। गाजियाबाद परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाला मिड डे मील एवं पौष्टिक चीजों को स्कूलों के शिक्षक एवं ग्राम प्रधान डकार रहे हैं। इससे एक तरफ बच्चों को भोजन नहीं मिल पा रहा है तो दूसरी तरफ शासन की योजना को भी अधिकारी पलीता लगा रहे हैं।

इस लापरवाही को शासन ने गंभीरता से लिया है और तत्काल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। शासन ने जांच रिपोर्ट में तीन महीने में अलग-अलग स्कूलों में मिड डे मील न मिलने पर ग्राम प्रधान एवं प्रधानाध्यापकों दोनों को आरोपी माना है।

शासन ने मिड डे मील न बांटने वाले स्कूलों की सूची जारी करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिया है। पत्र की प्रतिलिपि जिलाधिकारी को भी भेजी गई है कि ग्राम प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाए, जबकि आरोपी शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है।

मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के डायरेक्टर अब्दुल समद ने पत्र में कहा है कि इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) के माध्यम से मिली सूचना के अनुसार जिले में जुलाई महीने में 59 स्कूलों, अगस्त महीने में 52 एवं सितम्बर महीने में 24 स्कूलों में पंद्रह-पंद्रह दिन तक बच्चों को मिड डे मील नहीं दिया गया है। बच्चों को मिड डे मील वितरित न करने का कारण कहीं खाद्यान्न नहीं पहुंचा है तो कहीं भोजन बनाने वाला रसोइया ही नहीं है।

मजेदार बात तो यह है कि कई स्कूलों में यह भी दिखाया गया है कि वहां प्रधानाध्यापक ही नहीं हैं। शासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को मिड डे मील उपलब्ध कराने में उदासीन माना है। डायरेक्टर ने यह भी कहा है कि प्रधानाध्यापक और रसोइया की नियुक्ति की जिम्मेदारी बीएसए की होती है। इसके अलावा जिन स्कूलों में मिड डे मील के लागत में बदलाव बताकर भोजन नहीं दिया गया है।

उन स्कूलों का भी बजट नए दर के आधार पर अक्टूबर महीने तक भेजा जा चुका है। इसके बावजूद बच्चों को मिड डे मील न मिलना गंभीर मामला है।


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