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पिता-पुत्र की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में एनईईटी के खिलाफ डीएमके चलाएगी कैंपेन

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के खिलाफ डीएमके राज्यव्यापी अभियान चलाने की योजना बना रही है।

पिता-पुत्र की आत्महत्या के बाद तमिलनाडु में एनईईटी के खिलाफ डीएमके चलाएगी कैंपेन
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चेन्नई । राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के खिलाफ डीएमके राज्यव्यापी अभियान चलाने की योजना बना रही है।

डीएमके ने एनईईटी के बच्चों और उनके माता-पिता के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए अभियान चलाने का फैसला लिया है।

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल डीएमके के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया कि हाल में 17 वर्षीय जगदीश्वरन ने एनईईटी-2023 में असफल रहने पर आत्महत्या कर ली। बेटे की मौत के सदमे में पिता सेल्वा शेखर ने भी जान दे दी। दोनों घटनाओं से पता चलता है कि एनईईटी किस तरह बच्चों और उनके अभिभावकों को परेशान कर रहा है।

उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ द्रमुक पूरी तरह से एनईईटी के खिलाफ है और पार्टी राज्यव्यापी अभियान चलाने की योजना बना रही है।

दरअसल, डीएमके एनईईटी की मुखर आलोचक रही है।

मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन ने घोषणा की है कि तमिलनाडु सरकार राज्यपाल आरएन. रवि के रुख के विरोध में स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में राजभवन में 'एट होम' समारोह का बहिष्कार करेगी।

दूसरी तरफ विपक्षी अन्नाद्रमुक का कहना है कि द्रमुक एनईईटी में असफलता के कारण आत्महत्या करने वाले छात्रों की मौत पर घड़ियाली आंसू बहा रही है।

एआईएडीएमके महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने सीएम स्टालिन और डीएमके पर जमकर हमला बोला है।

एक बयान में अन्नाद्रमुक नेता ने कहा, द्रमुक ने संसद में एनईईटी के खिलाफ आवाज तक नहीं उठाई है। जबकि, उसके पास 39 लोकसभा सांसदों में से 38 हैं। डीएमके शोर मचा रही है। लेकिन, एनईईटी पर प्रतिबंध लगाने के लिए कुछ नहीं कर रही है।

दूसरी तरफ सत्तारूढ़ द्रमुक और विपक्षी अन्नाद्रमुक के एनईईटी पर एक-दूसरे के विरोध में आने के बाद तमिलनाडु की राजनीति इसी के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गई है।


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