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चेन्नई महापौर सीट दलित महिला के लिए आरक्षित करना द्रमुक का अहम फैसला

तमिलनाडु में तांबारम महापौर सीट को दलित के लिए आरक्षित करने के अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने ऐसा ही कदम उठाते हुए अब चेन्नई महापौर सीट भी दलित महिला के लिए आरक्षित कर अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है

चेन्नई महापौर सीट दलित महिला के लिए आरक्षित करना द्रमुक का अहम फैसला
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चेन्नई। तमिलनाडु में तांबारम महापौर सीट को दलित के लिए आरक्षित करने के अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने ऐसा ही कदम उठाते हुए अब चेन्नई महापौर सीट भी दलित महिला के लिए आरक्षित कर अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है।

शहरी निकाय चुनावों में इसे द्रमुक का एक अहम राजनीतिक कदम माना जा रहा है।

दलित कार्यकर्ता के.आर. रामासामी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा चेन्नई मेयर पद दलितों के लिए आरक्षित करने की घोषणा में साहस की आवश्यकता है। द्रमुक ने बिल्कुल ऐसा ही किया है और इसने दलित समुदाय के बीच द्रमुक की विश्वसनीयता को मजबूत कर दिया है। अब पार्टी अपने कदम से पीछे नहीं हटेगी।

इस चुनाव में जहां चेन्नई का मेयर पद दलितों के लिए आरक्षित था, वहीं दलित महिलाओं के लिए इसे आरक्षित करना द्रमुक का बेहतरीन कदम माना ज रहा है जिसने विपक्ष को स्तब्ध कर दिया है।

समीओहा समथवा पाडी के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस अधिकारी पी. शिवकामी ने कहा यह एक शानदार निर्णय है जिसका पूरे दिल से स्वागत किया जाना चाहिए लेकिन उम्मीदवार को अच्छा होना चाहिए, अन्यथा इस अच्छे निर्णय का कोई अर्थ नहीे रहेगा। यदि उम्मीदवार अच्छा नहीं है तो बाद में इसके बारे में बात की जाएगी कि यह एक गलती थी और ऐसा कभी नहीं होना चाहिए।

दलित नेता और तमिलनाडु राज्य दलित महिला आंदोलन की अध्यक्ष के. आई. गंगा ने आईएएनएस से कहा यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन वर्तमान सरकार को इस दिशा में ठीक से कार्य कर इसे लागू करना चाहिए।

अन्नाद्रमुक के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर

आईएएनएस को बताया जब हम सत्ता में थे तब अन्नाद्रमुक के पास यह घोषणा करने के लिए एक अच्छा मौका था। हालांकि हमने जोखिम नहीं उठाया और अब द्रमुक फायदे में है क्योंकि दलित आबादी की संख्या काफी अधिक हैं और अपने घरों से बाहर निकल कर वोट देते हैं।


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