Top
Begin typing your search above and press return to search.

लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के खिलाफ द्रमुक 

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) ने रविवार को लोकसभा व विधानसभाओंके चुनाव एक साथ कराए जाने के विचार को संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध किया है

लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के खिलाफ द्रमुक 
X

नई दिल्ली। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) ने आज लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने के विचार को संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध किया है।

पार्टी ने कहा कि यह अनुचित है और व्यावहारिक रूप से संभव भी नहीं है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने विधि आयोग को लिखित में बताया, "कुल मिलाकर, विधि आयोग का वर्तमान प्रस्ताव पूरी तरह से विपदा प्रतीत हो रहा है जो संघीय ढांचे को बरबाद कर देगा। मैं अपनी पूरी पार्टी की तरफ से ससम्मान इसका पूर्ण रूप से विरोध दाखिल करता हूं।"

उन्होंने कहा, "द्रमुक की यह दृढ़ राय है कि एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव संविधान के मूल सिद्धांतों और लोकतांत्रिक व्यवस्था के स्थापित मानदंडों के खिलाफ है।"

द्रमुक ने विधि आयोग द्वारा लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार के लिए रविवार को आयोजित बैठक में भाग लिया।

वरिष्ठ द्रमुक नेता तिरुचि सिवा ने शनिवार को यहां शुरू हुई बैठक में भाग लेकर अपनी पार्टी का विचार लिखित में दाखिल किया।

बैठक के बाद सिवा ने संवाददाताओं को बताया, "हमारा तर्क यही है कि संविधान हर तरह से कायम रहना चाहिए। यद्यपित संसद के पास संविधान में संशोधन की शक्ति है, लेकिन संविधान के कुछ मूल सिद्धांत हैं जिन्हें निरस्त नहीं किया जा सकता। मूल सिद्धांतों में संशोधन करने वाले किसी प्रस्ताव से देश को एकजुट करने वाली ताने-बाने के तहस-नहस होने का डर है।"

एक साथ चुनाव कराने के विचार का विरोध करते हुए सिवा ने सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाना है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it