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पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी ने विरासत संभालने के साथ राजनीति में भी बनाई पहचान

जयगढ दुर्ग सहित पूर्व जयपुर राजघराने की विरासत को संभालने वाली पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी ने राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी अच्छी पहचान बनाई और वह पहली बार में ही सांसद बनने में भी सफल रही

पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी ने विरासत संभालने के साथ राजनीति में भी बनाई पहचान
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जयपुर। विश्व प्रसिद्ध सिटी पैलेस, जयगढ दुर्ग सहित पूर्व जयपुर राजघराने की विरासत को संभालने वाली पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी ने राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी अच्छी पहचान बनाई और वह पहली बार में ही सांसद बनने में भी सफल रही।

दीया कुमारी का जन्म 30 जनवरी 1971 को जयपुर में हुआ। वह जयपुर के पूर्व महाराजा ब्रिगेडियर सवाई भवानी सिंह की पुत्री हैं। उन्होंने अपनी दादी पूर्व राजमाता गायत्री देवी एवं अपने पिता के कदमों पर चलते हुए 2013 में राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने 10 सितम्बर 2013 को जयपुर में एक रैली के दौरान, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, तत्कालीन भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की उपस्थिति में औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में सवाई माधोपुर से भाजपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक चुनी गई। पार्टी ने इसके अगले विधानसभा चुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी नहीं बनाया और इस लोकसभा चुनाव के लिए राजसमंद सांसद हरिओम सिंह राठौड़ के चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर देने पर भाजपा ने दीया कुमारी को राजसमंद से प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में उतारा। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार देवकीनंदन को पांच लाख 51 हजार 916 के भारी मतों के अंतर से हराया। राज्य में उनकी यह दूसरी सबसे बड़ी जीत थी।

उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और पहली बार में ही उन्हें आठ लाख 63 हजार 39 मत मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को केवल तीन लाख 11 हजार 123 मत ही मिले। दीया कुमारी की प्रारम्भिक शिक्षा मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली और महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जयपुर में हुई, बाद में सजावटी कला पाठ्यक्रम के लिए लंदन चली गयी।

वह परिवार की विरासत सिटी पैलेस जयपुर जो उनका आंशिक निवास स्थान भी है, जयगढ़ दुर्ग, आमेर एवं दो ट्रस्ट: महाराजा सवाई सिंह द्वितीय संग्राहलय ट्रस्ट, जयपुर एवं जयगढ़ पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट सहित परिवार की अन्य विरासतों को संभालती हैं।

दीया कुमारी की दादी गायत्री देवी ने तीसरी लोकसभा के लिए 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार के रुप में जयपुर से चुनाव लड़ा और 77़ 08 प्रतिशत मत लेकर चुनाव जीता था। इसके अगले दो लोकसभा चुनाव भी जयपुर लड़कर जीते।

उनके पिता भवानी सिंह ने भी 1989 में कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में जयपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन लगातार पिछले पांच चुनाव जीतते आ रहे भाजपा प्रत्याशी गिरधारी लाल भार्गव के सामने 84 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गये।


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