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मप्र में अब शराब पर तकरार

मध्य प्रदेश में शराब नीति में संशोधन कर शराब दुकानों का दायरा बढ़ाए जाने के फैसले ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है

मप्र में अब शराब पर तकरार
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भोपाल। मध्य प्रदेश में शराब नीति में संशोधन कर शराब दुकानों का दायरा बढ़ाए जाने के फैसले ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। भाजपा ने कांग्रेस की सरकार पर घर-घर शराब परोसने का आरोप लगाया है, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे अवैध शराब के कारोबार को रोकने की दिशा में उठाया गया कदम बताया है। राज्य के आबकारी विभाग ने शराब की उप दुकानें खोलने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, शहर में पांच किलोमीटर और गांव में 10 किलोमीटर की दूरी पर शराब कारोबारी उपदुकान खोल सकेंगे, और इसके एवज में उन्हें लायसेंस शुल्क देना होगा। इससे राज्य में बड़ी संख्या में नई दुकानें खुलने की संभावना जताई जा रही है।

सरकार के इस फैसले पर भाजपा हमलावर है। भाजपा का आरोप है कि सरकार ने यह फैसला शराब कारोबारियों के दवाब में लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "कांग्रेस सरकार का नए साल का तोहफा है। अब गली-गली में शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी। सरकार की एक ही मंशा है कि पीयो और पड़े रहो, ताकि कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ते का सवाल इनसे न पूछ सको।"

इसी तरह भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने आरोप लगाया, "कांग्रेस सरकार बुजुर्गो को घर-घर राशन पहुंचाने की बात कर रही थी, मगर अब तो घर-घर शराब परोसने में लग गई है।"

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा, "कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में शराबमुक्त प्रदेश बनाने की बात कही थी, लेकिन एक साल में कुकुरमुत्तों की तरह गांव-गांव में शराब दुकानें खोलने का फैसला लेकर प्रदेश को शराबमुक्त बना दिया।"

उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो मुख्यमंत्री के आवास के सामने धरना देंगे।

कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार किया है। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला करते हुए कहा, "वह निरंतर शराब को लेकर नौटंकी व राजनीति कर रहे हैं। जनता को भ्रमित व गुमराह कर झूठ परोस रहे हैं। जब उनकी पार्टी सत्ता में थी और वह 13 वर्ष तक मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार ने शराब व्यवसाय को खूब बढ़ावा दिया। वर्तमान सरकार ने उपदुकान खोलने का निर्णय अवैध शराब की बिक्री रोकने, उससे होने वाली जनहानि को रोकने और इसके कारण होने वाले विवाद को रोकने के लिए लिया है। अधिसूचना में स्पष्ट है कि जहां अवैध शराब की तस्करी की रिपोर्ट, वही उपदुकान को मंजूरी मिलेगी। यह निर्णय एक अच्छे उद्देश्य के साथ लिया गया है।"


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