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मायावती को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

उत्तर प्रदेश विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती को लेकर तीखी नोंकझोंक, आरोप प्रत्यारोप और हंगामा हुआ

मायावती को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती को लेकर तीखी नोंकझोंक, आरोप प्रत्यारोप और हंगामा हुआ।

नोंकझोंक कभी बसपा में रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बसपा सदस्यों के बीच हुआ। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने बीचबचाव की कोशिश की। अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने भी दोनों पक्षों को समझाया, लेकिन आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। मामला ठंडा होता नहीं देख श्री दीक्षित ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिये स्थगित कर दी।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाजपा के दल बहादुर कोरी ने बसपा नेता पर गम्भीर आरोप लगा दिये। इस पर सपा के सुखदेव राजभर और लालजी वर्मा ने कड़ी आपत्ति की। श्री वर्मा ने श्री कोरी के आरोपों को कार्यवाही से निकालने और खेद व्यक्त करने की मांग की।

श्री वर्मा अपनी बात रख ही रहे थे कि श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य उठ खड़े हुए। श्री मौर्य ने कहा कि श्री कोरी आरोप नहीं लगा रहे थे, वह भुक्तभोगी हैं। अपनी व्यथा सुना रहे थे। श्री कोरी ने किसी का नाम नहीं लिया। सुखदेव राजभर ने नाम लिया है। श्री मौर्य के आरोपों से खिन्न श्री वर्मा ने कहा कि उसी नेता की बदौलत श्री मौर्य आज यहां तक पहुंचे हैं।

इन्हें इस तरह के आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिये। नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी ने बीचबचाव करते हुए कहा कि सदन में जो नेता नहीं है उसके ऊपर आरोप लगाने की परम्परा नहीं रही है। सदन में जो नहीं कहना चाहिये था वह भी कहा गया। नाम लिया गया।

श्री चौधरी ने कहा कि वह राष्ट्रीय नेता हैं। उनके खिलाफ असंवैधानिक बातें नहीं होनी चाहिये। बसपा विधानमंडल दल के नेता ने जो प्रस्ताव रखा है, उसे संज्ञान लिया जाना चाहिये। बसपा नेता श्री वर्मा ने श्री कोरी के वक्तव्य को सदन की कार्यवाही से निकालने और उनसे खेद व्यक्त करने का प्रस्ताव रखा था।

श्री मौर्य फिर उठ खड़े हुये, कहा श्री कोरी ने नाम नहीं लिया। नाम यदि लिया है तो मेरा प्रस्ताव है कि कार्यवाही से निकाल दें। श्री वर्मा ने कहा कि श्री मौर्य उनसे बड़े हैं, लेकिन उन्हें समझना चाहिये कि जिस नेता (मायावती) ने उन्हें बढाया, यहां तक पहुंचाया, उसके बारे में इस तरह नहीं बोलना चाहिये।आज जिस पार्टी में उन्हें सम्मान मिला है वह भी उसी नेता की बदौलत है।

दोनों में काफी देर तक तीखी नोंकझोंक चलती रही। व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप भी लगाये गये। इसी बीच, श्री कोरी ने एक बार फिर उकसावे वाली बात कह दी। नेता विपक्ष ने इस पर आपत्ति की और कहा कि दूसरे दल में चले जायेंगे तो क्या पहले दल के नेता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करेंगे। श्री कोरी को खेद व्यक्त करना चाहिये।

इस पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि श्री वर्मा ने श्री मौर्य पर गलत आरोप लगाये हैं, उन्हें भी खेद व्यक्त करना चाहिये। अध्यक्ष श्री दीक्षित ने कहा कि सभी भाषणों को दिखवा लिया जायेगा।
आपत्तिजनक शब्द कार्यवाही से निकाल दिये जायेंगे। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, “दुश्मनी जमकर करो पर गुंजाइश रहे कि जब फिर मिलें तो शर्मिन्दा न हों।

” उन्होंने भी अध्यक्ष से आपत्तिजनक शब्दों को निकालने का आग्रह किया। श्री दीक्षित ने कहा कि जो सदन का सदस्य नहीं है उस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती।

श्री वर्मा ने कहा कि यह तो अजीब बात है कि एक बार अपमानित करें उसके बाद कार्यवाही से निकाल दें। यह परम्परा गलत है। उन्होंने श्री खन्ना की राय से अपने को सहमत बताया। नोंकझोंक बढ़ता देख श्री दीक्षित ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिये स्थगित कर दी।

कार्यवाही फिर शुरु हाेते ही श्री कोरी ने कहा कि उन्हाेंने किसी नेता का नाम नहीं लिया, फिर भी मेरे कहने से किसी की भावना आहत हुई हो तो वह अपने शब्द वापस लेते हैं। संसदीय कार्यमंत्री श्री खन्ना ने कहा कि सभी का सम्मान होना चाहिये। भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों को कार्यवाही से निकाल देना चाहिये। पूरे प्रकरण पर वह स्वयं दु:ख व्यक्त करते हैं। अध्यक्ष ने कहा कि श्री वर्मा, श्री मौर्य और श्री कोरी के भाषण से आपत्तिजनक शब्द को कार्यवाही से निकाल दिया जायेगा।


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