'पीसी' स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार पर ओडिशा विधानसभा में हंगामा
ओडिशा विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को सरकारी दफ्तरों में तेजी से लिए जा रहे 'प्रतिशत कमीशन' या 'पीसी' पर स्थगन प्रस्ताव नहीं स्वीकार किए जाने पर हंगामा किया
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को सरकारी दफ्तरों में तेजी से लिए जा रहे 'प्रतिशत कमीशन' या 'पीसी' पर स्थगन प्रस्ताव नहीं स्वीकार किए जाने पर हंगामा किया।
विधानसभा में लगातार दूसरे दिन भी 'पीसी संस्कृति' का मुद्दा छाया रहा। विपक्षी कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के इसे रोकने के आह्वान के बाद भी प्रशासन में भ्रष्टाचार व्यापक रूप से फैला हुआ है।
प्रश्नकाल की शुरुआत से ही सदन में हंगामे की वजह से कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में असमर्थ होने पर विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप कुमार अमत ने सदन को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
सदन में सदस्यों के एकत्र होने के साथ ही कांग्रेस व भाजपा सदस्य वेल में पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया और पीसी मुद्दे को लेकर नारे लगाए।
इससे पहले इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा लाए गए एक स्थगन नोटिस को विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया।
कांग्रेस के मुख्य सचेतक तारा प्रसाद बहिनिपति ने संवाददाताओं से कहा, "हमने पीसी मामले पर चर्चा के लिए एक स्थगन नोटिस लाया था, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इसे खारिज कर दिया। हमने आज सदन में विरोध किया। सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रही है।"
भाजपा के विधायक रबि नारायण नाईक ने कहा कि 'पीसी' मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने की वजह से उन्होंने सदन में प्रदर्शन किया।
दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने विपक्षी सदस्यों के सदन की कार्यवाही में बाधा डालने को लेकर निंदा की।
बीजद के विधायक समीर दास ने कहा, "मुख्यमंत्री पहले ही साफ कर चुके हैं कि 'पीसी संस्कृति' बंद होनी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी सदस्य प्रश्न काल को उचित रूप से चलने नहीं दे रहे हैं। पीसी मुद्दे पर विस्तृत चर्चा बीते रोज हुई थी। विपक्षी सदस्य मामले को सर्वदलीय बैठक में उठा सकते हैं।"


