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ख्वाजा की दरगाह में शादियाने बजाने का विवाद गहराया

ईदुलफितर के मौके पर राजस्थान में अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शादियाने बजाने का विवाद गहरा गया

ख्वाजा की दरगाह में शादियाने बजाने का विवाद गहराया
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अजमेर । ईदुलफितर के मौके पर राजस्थान में अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शादियाने बजाने का विवाद गहरा गया है।

मौरूसी अमले के नक्कारसी शमीमुद्दीन अहमद ने लॉकडाउन उल्लंघन के साथ साथ चोरी तथा स्वयं के पुश्तैनी हक पर हमले का आरोप लगाते हुए दरगाह थाने में बीती शाम प्राथमिकी दर्ज कराई है। परिवाद की पुष्टि थाना अधिकारी हेमराज ने भी की है।

शमीमुद्दीन अहमद ने पुलिस को दी अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि दरगाह स्थित शहाजहांनी नौबत खाने के ताले तोड़कर अज्ञात ने शादियाने बजाए, पीतल का नक्कार व कालीन के नीचे रखे 800 रूपये चोरी कर ले गए। उसने पुलिस को बताया कि हर साल ईद के मौके पर ईदगाह में नमाज के बाद दरगाह दीवान दरगाह में हाजिरी देते है तब रस्मी तौर पर शादियाने बजाए जाने की परंपरा है लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते ईदगाह में नमाज नहीं हुई।

नमाज का दरगाह कमेटी की ओर से कोई कार्यक्रम नहीं था। लिहाजा दरगाह दीवान के दरगाह में आने की भी कोई लिखित अथवा मौखिक जानकारी नहीं दी गई। बावजूद इसके दरगाह दीवान के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन के साथ पांच लोग दरगाह पहुंचे और उस दौरान नौकत खाने का ताला तोड़ शादियाने बजाने के काम को अंजाम दिया गया जबकि यह उसका पुश्तैनी हक था।

सूचना पर जब वह मौके पर पहुंचा तो उसने पाया कि शादियाने तो बजाए ही गए लेकिन पीतल का नक्कार एवं कालीन के नीचे रखे 800 रुपए जो कि पुर्खों के समय से चले आ रहे है नदारद थे। उसने इस पर कड़ा ऐतराज करते हुए पुलिस की शरण ली जिस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी। इधर, जिम्मेदार दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद ने ताले तोड़ने की बात से इंकार किया है।


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