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फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल ऑफ झारखंड में आदिवासियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर विवाद

राज्य में सरकार की ओर से हाल में गठित “फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल ऑफ झारखंड” में आदिवासियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर विवाद खड़ा हो गया है

फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल ऑफ झारखंड में आदिवासियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर विवाद
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रांची। राज्य में सरकार की ओर से हाल में गठित “फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल ऑफ झारखंड” में आदिवासियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा के साथ-साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस के नेताओं ने इस पर विरोध दर्ज कराया है।

हाल में भाजपा में शामिल हुईं सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि सरकार ने फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल ऑफ झारखंड के गठन में आदिवासी समुदाय की घोर उपेक्षा की है।

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “झारखंड सरकार का संथाल, हो तथा मुंडा समुदाय के साथ सौतेला व्यवहार किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल में इन तीनों समुदायों के प्रतिनिधि को शामिल नहीं कर इनकी घोर उपेक्षा की है। यदि सरकार शीघ्र ही इन समुदाय के प्रतिनिधियों को काउंसिल में शामिल नहीं करती है तो इसका घोर विरोध किया जायेगा।”

रांची के मांडर की कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने काउंसिल में आदिवासियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर गहरी निराशा जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, “यह चिंताजनक स्थिति है कि इसमें एक भी आदिवासी सूचीबद्ध नहीं है। अब इस बात पर हम कैसे यक़ीन कर लें कि एक भी आदिवासी प्रतिभाशाली नहीं मिला। सीएम महोदय चंपई सोरेन जी कृपया इस महत्वपूर्ण समिति में आदिवासियों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करें। यह संवेदना के साथ ही अस्मिता से जुड़ा सवाल है।”

उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने झारखंड की फिल्म 2016 के अंतर्गत 15 मार्च को काउंसिल के गठन की अधिसूचना जारी की है। इसमें काउंसिल में अध्यक्ष सहित 24 लोगों का मनोनयन किया गया है।


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