नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की हो रही अवहेलना
राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क जो अकलतरा से मस्तूरी के बीच बनाई जा रही है, में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खुले आम अवहेलना करते हुये ठेकेदार अग्रवाल इन्फ्राबिल्ड प्रायवेट लिमिटेड

अकलतरा। राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क जो अकलतरा से मस्तूरी के बीच बनाई जा रही है, में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खुले आम अवहेलना करते हुये ठेकेदार अग्रवाल इन्फ्राबिल्ड प्रायवेट लिमिटेड द्वारा प्रतिबंधित मुरूम का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। जबकि इस मुरूम को पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उचित कदम मानते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी निर्माण कार्यों में मुरुम का उपयोग नहीं किये जाने की बात कही गई है, लेकिन एआईपीएल द्वारा विगत एक वर्ष से बनाए जा रहे राष्ट्रीय राजमार्ग में फिलिंग करने के लिए ग्राम दर्रीटांड, रसेड़ा, अर्जुनी, करुमहु, कोटमीसोनार, कल्याणपुर एवं अन्य ग्रामों में 50 से भी ज्यादा स्थानों पर बिना किसी अनुमति के खोदाई कर हजारों ट्रक मुरुम निकाला जा चुका है जो अभी भी लगातार जारी है।
मुरुम की खुदाई के दौरान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की अवहेलना किये जाने के साथ-साथ एआईपीएल द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों पर 25-30 टन भारी हाईवा से आवागमन कराया जा रहा है, जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों पर 12 टन से ज्यादा भारी वाहन का आवागमन नहीं कराया जा सकता। उक्त ग्रामों में भारी वाहनों के लगातार आवागमन के कारण के कारण सड़के टूटने लगी है। साथ ही उड़ने वाले धूल के कणों से ग्रामवासियों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने लगी है, लेकिन एआईपीएल प्रबंधन द्वारा ग्रामवासियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को नजरअंदाज करते हुए प्रतिदिन सैकड़ों फेरे गाड़ियों का आवागमन जारी है।
सीसीआई से अवैध रूप से हो रहा पानी का दोहन सीसीआई प्रबंधन के प्रभारी द्वारा साल भर पूर्व एआईपीएल प्रबंधन के विरुद्ध सीसीआई के बंद पड़े खदान से अवैध रुप से पानी निकाले जाने की शिकायत अकलतरा पुलिस थाना में किये जाने के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य में एआईपीएल द्वारा सीसीआई की बंद पड़ी खदान से विगत एक वर्ष से बिना अनुमति के प्रतिदिन 15 से 20 टैंकर पानी प्रतिदिन निकाला जा रहा है।
बिना मुआवजा दिये हो रहा निर्माण
ग्राम तरौद के कई किसानों की जमीनों पर एआईपीएल प्रबंधन द्वारा किसानों को मुआवजा दिये बिना ही निर्माण कार्य करा लिया गया है। किसानों द्वारा इसके विरोध में उच्च न्यायालय में मामला भी दर्ज कराया गया है। उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद एआईपीएल प्रबंधन द्वारा किसानों को डरा धमकाकर विवादित भूमि पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। एआईपीएल प्रबंधन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में संवेदनशील नियमों की अवहेलना किये जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा एआईपीएल प्रबंधन के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश पनपता जा रहा है।
मिट्टी की जगह मुरूम निकले तो हम क्या करे- प्रोजेक्ट मैनेजर
इस संबंध में एआईपीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर पीके सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर सी.के. पिपरी एवं जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर किया जा रहा है। हम सड़क में फिलिंग के लिए मिट्टी की खुदाई करते हैं, लेकिन उसके नीचे मुरुम निकल जाता है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं? मुरुम के लिए एमबी से ही रायल्टी प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग में क्यूरिंग के लिए हम सीसीआई के खदान से पानी नहीं ले रहे हैं।
ग्राम दर्रीटांड, रसेड़ा, कल्याणपुर आदि ग्रामों में एआईपीएल द्वारा की जा रही मुरुम खोदाई की मुझे जानकारी नहीं है। मौके का निरीक्षण कर उचित कार्यवाही की जायेगी।


