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रोगों की रोकथाम, स्वास्थ्य बीमा पर चिकित्सा जगत ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

बजट में सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज और सस्ती स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान का स्वास्थ्य जगत से स्वागत किया है

रोगों की रोकथाम, स्वास्थ्य बीमा पर चिकित्सा जगत ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
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नई दिल्ली। बजट में सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज और सस्ती स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान का स्वास्थ्य जगत से स्वागत किया है।

हैल्थकेयर बजट के तीन पहलू बताते हुए चिकित्सा क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि की गयी है। जीवन बीमा योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को शामिल किया गया है, और निवारक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा दिया गया है। स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों की कॉन्सेप्ट को लागू करने के लिए निजी क्षेत्र के संगठनों से योगदान की मांग की गयी है।

इस बारे में पदमश्री डॉ. केके अग्रवाल कहते हैं कि, 'यह बजट समाज के गरीब वर्गों के प्रति रुझान वाला है। यह देखना बाकी है कि आम जनता को इससे क्या लाभ पहुंचेगा। नेशनल हैल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के जरिये 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों यानी करीब 50 करोड़ लाभार्थियों को सेकेंडरी और टर्शियरी केअर अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये देने की पहल की गयी है, जो कि एक अच्छा कदम है। यह दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी वित्त पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम होगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में भारत के स्वास्थ्य की नींव के रूप में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र की कल्पना की गयी थी। इस बजट का उद्देश्य लोगों के घरों के करीब स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं पहुंचाना है। साथ ही, 1.5 लाख कल्याण केंद्र भी स्थापित करने हैं।’

जनरल फिजिशियन डा. ब्रजवीर सिंह बताते हैं कि सभी टीबी रोगियों को उनके उपचार की अवधि के दौरान 500 रुपये प्रति माह पोषण सहायता प्रदान करने के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा में सेस 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये के मेडिक्लेम की राहत भी इसमें है।

उन्होंने बताया कि 'स्वास्थ्य कवरेज और बीमा की बढ़ोतरी बड़ी उपलब्धि है। आशा है कि इस साल के अंत तक अनेक अन्य लोग बीमित श्रेणी में आ जायेंगे। हर तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और देश के प्रत्येक राज्य में कम से कम एक सरकारी मेडिकल कॉलेज देश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। सरकार एक मिशन मोड में विभिन्न बीमा योजनाओं के तहत सभी गरीब परिवारों, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के परिवारों को कवर प्रदान करने के लिए काम करेगी जो वास्तव में समाज में सुधार लाएगा।


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