वर्ष 2021 के कुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाने पर सन्तों की चर्चा
उत्तराखंड के हरिद्वार में आगामी 2021 में होने वाले कुम्भ को प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिये आज विख्यात सन्तों ने गहन चर्चा की

ऋषिकेश । उत्तराखंड के हरिद्वार में आगामी 2021 में होने वाले कुम्भ को प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिये आज विख्यात सन्तों ने गहन चर्चा की।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त कुम्भ, विद्युत कुम्भ, अध्यात्म के साथ सामाजिक सरोकार, वैश्विक समस्याओं का केन्द्र, योग व आयुर्वेद को विश्व के कोने-कोेने तक पहुंचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिये चर्चा की। इस दौरान संतों ने कुम्भ को दिव्य, भव्य, समृद्ध बनाने के साथ जागरण का संदेश प्रसारित करने के लिये अपने विचार व्यक्त किये।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि कुम्भ एक ऐसा मंच है जहां से भीतरी और बाहरी पर्यावरण को शुद्ध बनायें रखने के लिये हम सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब कुम्भ में अध्यात्म के साथ समसामयिक समस्याओं पर विचार विमर्श होना चाहिये। साथ ही समाज में फैली कुरीतियों का भी संतों के उद्बोधनों के माध्यम से हम समाधान कर सकते है।
सन्तों ने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या है ग्लोबल वार्मिग, एकल उपयोग प्लास्टिक, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण जैसी अनेक पर्यावरणीय समस्यायें है जिन पर संत समाज आगे आकर अपने विचार व्यक्त करने से परिवर्तन हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और अध्यात्म की भूमि है वास्तव में यहां पर होने वाला कुम्भ नवोदित आयामों को लेकर आयेगा और लोगों का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने यहां लोगों द्वारा कराये जाने वाले भंडारे में प्लास्टिक प्लेटो का इस्तेमाल नहीं करने और वृक्षारोपण, कचरा-कूडा प्रबंधन, शौचालय का प्रयोग, बेटी-पढ़ाओ जैसे संदेश प्रसारित करने का आह्वान किया।


