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जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और व्यक्तित्व पर हुई चर्चा

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ऑडिटोरियम में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई

जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और व्यक्तित्व पर हुई चर्चा
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नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ऑडिटोरियम में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई। चर्चा का माध्यम प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी एक पुस्तक 'मोदी एट20 ड्रीम्स मीट डिलीवरी' थी। पुस्तक पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इंद्रेश कुमार मुख्य वक्ता थे। हालांकि इंद्रेश कुमार की मौजूदगी से जामिया के कई छात्र नाराज भी दिखे। जामिया के इन नाराज छात्रों ने इस दौरान कैंपस में जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 'गो बैक' 'गो बैक' के नारे लगाए।

इस अवसर पर जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने कहा, अतीत में जामिया को महात्मा गांधी जैसे महान व्यक्तियों द्वारा पोषित होने का सौभाग्य मिला है। और वर्तमान में, इसे हमारे दूरदर्शी और सक्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के उदार और निरंतर समर्थन का आशीर्वाद मिला है, जिनके परिवर्तनकारी नेतृत्व ने हमें अपने रचनात्मक जुड़ाव की पुष्टि करने में सक्षम बनाया है। प्रधानमंत्री के इसी नेतृत्व में जामिया ने अपनी उपलब्धियों के लिए बहुत प्रयास किए हैं, जिसके कारण आज वह देश के तीन शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक है।

इंद्रेश कुमार (मार्गदर्शी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच) ने अपने संबोधन में उल्लेख किया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यकों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं और इसीलिए सरकार ने उनके लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने भारत की बहुलवादी संस्कृति और एकता के बारे में भी बताया। उन्होंने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि कैसे देश का प्रत्येक नागरिक अपनी व्यक्तिगत पहचान बनाए रखते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकता है।

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों में चीजों को अलग तरह से देखने की सोच विकसित की है। उनकी अवधारणा और मुद्दों की समझ बहुत स्पष्ट और दूसरों से अलग है। वह धैर्यपूर्वक अपनी टीम के सदस्यों को सुनते हैं, कार्यान्वयन के लिए स्पष्ट निर्देश देते हैं और हर मुद्दे को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हित के साथ देखते हैं।

प्रख्यात वक्ताओं ने पुस्तक के हर पहलू पर पर्याप्त प्रकाश डाला जो प्रधान मंत्री के व्यक्तित्व और आदर्श वाक्य 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के उनके ²ष्टिकोण को रेखांकित करने का प्रयास करता है। संगोष्ठी का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।


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