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स्कूल की टंकी पर धार्मिक झंडा लगाने की चर्चा जोरों पर

सरकारी स्कूल में बने पानी टँकी के पर धार्मिक झंडा लगे होने का मामला उजागर होनें पर प्रधान पाठक ने देखा नहीं

स्कूल की टंकी पर धार्मिक झंडा लगाने की चर्चा जोरों पर
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सिमगा। सरकारी स्कूल में बने पानी टँकी के पर धार्मिक झंडा लगे होने का मामला उजागर होनें पर प्रधान पाठक ने देखा नहीं हुँ बोलकर टालमटोल किया । वहीं बी ई ओ सिमगा ने सरकारी स्कूल में धार्मिक झंडा लगाने को नियम विरुद्ध बताया हैं । मीडिया में यू पी के सरकारी स्कूलों में मदरसा लिखे जाने का मामला उजागर होने पर अब नगर के स्कूल के टँकी में धार्मिक झंडा लगने की चर्चा जोरों से हैं ।

नगर में स्थित शासकीय आदर्श प्राथमिक शाला में बने पानी टँकी के ऊपर धार्मिक झंडा कई महीनों से फहरा रहा हैं । नगर के सबसे ऊंचे स्थान में होनें के चलते उसमें लगा झंडा नगर कर हर कोनों से दिखाई देता हैं । आमजनता सरकारी टँकी में धार्मिक झंडा लगे होनें की चर्चा तो करती थीं । किन्तु बिल्ली के गले में घण्टी कौंन बांधे सोच कर चुप रहती थी । स्वतन्त्रता दिवस करीब आते ही यह मामला जोर पकड़ने लगा हैं । सरकार हर राष्टीय पर्व में सभी विभागों को आदेश देती हैं कि सरकारी भवनों में साज सज्जा कर राष्टीय पर्व के दिन राष्टीय झंडा फहराया जाय । एक जानकारी के मुताबिक सरकारी भवनों में किसी भी गैर सरकारी पोस्टर वाल पेंटिग व अन्य उपयोग नहीं किया जा सकता हैं ।

नगर के स्कूल में बने टँकी में झंडा लगने के मामले में जब प्रतिनिधि ने प्रधान पाठक पंचम निषाद से पूछा तो उन्होंने टँकी पी एच ई विभाग का होना बताया । यह पूछने पर की स्कूल के परिसर के अंदर टँकी हैं और उसकी जिम्मेदारी आपकी है तो वो कुछ नहीं बोले । श्री निषाद ने टँकी में झंडा लगे होने को देखने से इनकार कर दिया । प्रधान पाठक ने कहा कि आये दिन लोग झंडा से लेकर धार्मिक आयोजनों के लिए लाउडस्पीकर बिना जानकारी के लगा देते हैं । झंडा वाले मामले में उच्च शिक्षा अधिकारियों को शिकायत नहीं करने की बात कहीं । वहीं बी ई ओ एस के गेंदले ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं हैं । धार्मिक झंडा लगाने को गलत ठहराते हुए मामले की जांच कराने की बात कहीं ।

इस सम्बंध में एस डी एम सिमगा मनोज केशरिया ने कहा कि सरकारी भवन में बिना अनुमति झंडा नहीं लगा सकते हैं । उल्लेखनीय है कि पेयजल आपूर्ति हेतु बने टँकी में चढ़ने के लिए सीढ़ी भी हैं ।जो कि खुला रहता हैं । छोटे छोटे बच्चे स्कूल में खेलते समय टँकी में चढ़ने के प्रयास कर सकते है जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती हैं ।पानी टँकी जर्जर होने एवम तकनीकी त्रुटि होने के चलते टँकी को नगर पंचायत ने पी एच ई से हैंडओवर नहीं किया हैं । पुराना टँकी होने से कभी भी गिर सकता हैं । सुरक्षा का इंतजाम जरूरी हो गया हैं ।


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