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नाइट्रोजन को ऑक्सीजन में कन्वर्ट करने की संभावनाएं तलाशें : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि आईआईटी कानपुर समेत अन्य तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञों से संवाद स्थापित कर नाइट्रोजन को ऑक्सीजन में कन्वर्ट करने की संभावनाओं को तलाशा जाए

नाइट्रोजन को ऑक्सीजन में कन्वर्ट करने की संभावनाएं  तलाशें : योगी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि आईआईटी कानपुर समेत अन्य तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञों से संवाद स्थापित कर नाइट्रोजन को ऑक्सीजन में कन्वर्ट करने की संभावनाओं को तलाशा जाए।

श्री योगी ने शनिवार को कहा कि जिन सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) स्थापित नहीं हैं। वे सभी जल्द से जल्द अगले छह महीने तक की आवश्यकता का आंकलन करते हुए एलएमओ की स्थापना करें। तात्कालिक रणनीति के साथ ही दीर्घकालीन रणनीति अपनाते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि मेडिकल कॉलेज, चिकित्सा संस्थान में कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन की कमी कदापि न होने पाए।

उन्होने कहा कि सरकार प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सभी विकल्पों को लेकर चल रही हैं। हमें नए विकल्पों की तलाश करने की भी आवश्यकता है। झांसी में एक क्रशर यूनिट ने ऑक्सीजन उत्पादन शुरू किया है। चीनी मिलों में थोड़े तकनीकी सहयोग से ऑक्सीजन उत्पादन भी किया जा सकता है, इस बारे में विशेषज्ञों की मदद लेते हुए कार्यवाही की जाए।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि डेडीकेटेड कोविड चिकित्सालयों में भर्ती रोगी विशेष रूप से गम्भीर होते हैं, जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के अलावा किसी अन्य गम्भीर बीमारी से भी ग्रसित होते हैं। इनके उपचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों के परामर्श के साथ-साथ ऑक्सीजन मैनेजमेण्ट और वेन्टीलेटर मैनेजमेन्ट की आवश्यकता होती है। ऐसे में ऑक्सीजन की आवश्यकता का सही आंकलन न होने के कारण मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के पास ऑक्सीजन आपूर्ति की आकस्मिकता आ जाती है। ऐसी स्थिति में भर्ती रोगियों की संख्या और संभावित रोगियों का आंकलन कर ऑक्सीजन आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था किया जाना अपरिहार्य है।

उन्होने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज, संस्थान, चिकित्सा महाविद्यालय भविष्य की आवश्यकता का आंकलन कर अपने संस्थानों में एलएमओ की उपलब्धता और स्थापना सुनिश्चित करें।

इस बाबत जारी आदेश में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज, संस्थान भी आवश्यकता का आंकलन कर एलएमओ की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसके लिए उनके द्वारा खर्च की गई धनराशि को संस्थानों की मांग के अनुसार प्रतिपूर्ति कर दी जाएगी।

एलएमओ के सम्बन्ध में तात्कालिक रणनीति के साथ दीर्घकालीन रणनीति भी अपनाई जाए। मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों में कोविड संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति बनी रहे, इसके लिए जिन मेडिकल कालेजों और संस्थानों में एलएमओ स्थापित हैं, वे अपने कालेज और संस्थान के लिए आवंटित बजट से एलएमओ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही जिनमें एलएमओ स्थापित नहीं है, वे अपने कालेज और संस्थान के लिए आवंटित बजट से एलएमओ स्थापित कर उसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें।


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