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मप्र में रियायती राशन बड़ा सियासी दांव

मध्य प्रदेश में विधानसभा के उप-चुनाव की संभावनाओं के बीच भाजपा और प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार लगातार जनता के बीच अपनी पैठ को और गहरा बनाने की जुगत में लगी है

मप्र में रियायती राशन बड़ा सियासी दांव
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भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा के उप-चुनाव की संभावनाओं के बीच भाजपा और प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार लगातार जनता के बीच अपनी पैठ को और गहरा बनाने की जुगत में लगी है। अब रियायती राशन देने की योजना का लाभ लगभग 37 लाख लोगों को देने का बड़ा सियासी दाव चला है।

राज्य की लगभग साढ़े सात करोड़ की आबादी है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत राज्य के एक करोड़ 16 लाख 89 हजार 136 पात्र परिवार हैं, जिनके कुल सदस्य पांच करोड़ 44 लाख 31 हजार 183 हैं। नवीन जोड़े जा रहे पात्र हितग्राहियों की संख्या, लगभग 37 लाख है।

इसे शिवराज सरकार का बड़ा सियासी दाव माना जा रहा है, क्योंकि राज्य सरकार और भाजपा प्रदेश संगठन लगातार आमजन तक पहुंचाने के लिए तमाम योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में लगी है, पिछले दिनों ही लगभग पौने दो लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास प्रदान किए गए हैं। किसानों के खातों में फसल बीमा राशि भेजी जा रही है। अब 37 लाख नए हितग्राहियों को रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश सरकार रोटी, कपड़ा और मकान की बुनियादी सुविधाओं के साथ लिखाई, पढ़ाई और दवाई के समुचित प्रबंध के लिये प्रतिबद्घ है। समाज के गरीब तबके की थाली कभी खाली नहीं रहेगी। इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के साथ प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना को समाहित कर जरूरतमंद वर्ग को प्रतिमाह खाद्यान्न देने की व्यवस्था की गयी।

राजधानी, जिला, ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर हो रहे कार्यक्रम से सभी नवीन हितग्राहियों को इस महीने से प्रति सदस्य पांच किलो गेहूं या चावल और प्रति परिवार एक किलो आयोडाइज्ड नमक एक रूपये प्रति किलो की दर से देने की शुरूआत की जा रही है। इसके अलावा नये पुराने सभी उचित मूल्य उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना में आगामी नवम्बर महीने तक प्रति सदस्य पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल निशुल्क दी जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने इस मौके पर 37 लाख नवीन उपभोक्ताओं में से 25 लाख को लाभान्वित करने के पश्चात शेष चिन्हित 12 लाख उपभोक्ताओं सहित करीब एक लाख 66 हजार आटो रिक्शा चालकों को भी राशन देने के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश सभी जिलों के कलेक्टरों को दिए।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि, "कांग्रेस के लिए गरीब मात्र वोट बैंक है, जबकि भाजपा के लिए गरीबों का कल्याण ही मिशन है। पंद्रह महीने राज्य में रही कमल नाथ सरकार ने गरीबों के कल्याण की सभी योजनाएं बंद कर दी थीं। कांग्रेस ने गरीबों का शोषण किया, वहीं भाजपा की सरकार गरीबों के जीवन में खुशियों का रंग भरने का काम कर रही है। "

राज्य में 37 लाख नए हितग्राहियों को जोड़ने के मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि, "भाजपा प्रदेश भर में अन्न उत्सव मना रही है। जबकि सच्चाई यह है कि हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ता सूची में पूर्व में सम्मिलित परिवार के सत्यापन, अपात्र परिवारों को हटाकर छूटे हुए वास्तविक गरीब परिवारों को सूची में जोड़ने का काम शुरू किया था, जो कार्य पिछले कई वषरें से नहीं हुआ था।

कमल नाथ का कहना है कि समाज के गरीब तबके के लोगों को जीवन यापन में सहूलियत देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने रियायती दरों पर खाद्यान्न व अन्य सुविधाएं देना शुरू किया था। पोर्टेबिलिटी योजना के तहत हमारी सरकार ने हितग्राही को किसी भी राशन की दुकान से खाद्यान्न लेने की सुविधा भी प्रदान की थी।

उन्होंने बताया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार प्रदेश की 75 प्रतिशत आबादी यानी पांच करोड़ 46 लाख को ही लाभान्वित करने का प्रावधान था। हमारी सरकार ने वर्ष 2018 की बढ़ी हुई अनुमानित जनसंख्या के आधार पर बचे नौ प्रतिशत यानि 71 लाख हितग्राहियों हेतु अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन करने की मांग भी भारत सरकार से की थी।

राज्य में आगामी समय में उप-चुनाव होने वाले हैं। रियासती राशन योजना को उप-चुनाव के लिहाज से बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि जिन जिलों में चुनाव होने वाले हैं, वहां के मतदाता भी बड़ी संख्या में इस योजना से लाभान्वित होंगे।


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