करोड़ों की बेनामी संपत्ति में एसडीओ का किया खुलासा
बताया गया है कि वर्ष 1995 में सक्सेना वनरक्षक के पद पर वन विभाग में नियुक्त हुये थे, अपनी सेवा अवधि के 13 वर्ष उन्होंने इंदौर के आसपास पदस्थ रहकर गुजारे

इंदौर। मध्यप्रदेश की विशेष स्थापना पुलिस लोकायुक्त ने इंदौर जिले के महू वन क्षेत्र में पदस्थ एक सहायक वन संरक्षक (एसडीओ) के विभिन्न ठिकानों पर दबिश देकर अब तक कार्रवाई में चार करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति का खुलाया किया है।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा एसडीओ आर एन सक्सेना के इंदौर के भोलाराम उस्ताद मार्ग सहित कुल पांच ठिकानों पर कल छापेमार कार्रवाई की गयी। अब तक की कार्रवाई में पांच मकान, तीन छात्रावास, भूखंड के दस्तावेज, एक दर्जन बैंक खाते, एक लॉकर, दर्जनों बीमा पॉलिसी, सोने-चांदी के जेवरात, छह लाख से अधिक नगदी और इंदौर के सांवेर में एक वुड फेक्ट्री मिली है।
बताया गया है कि वर्ष 1995 में सक्सेना वनरक्षक के पद पर वन विभाग में नियुक्त हुये थे। अपनी सेवा अवधि के 13 वर्ष उन्होंने इंदौर के आसपास पदस्थ रहकर गुजारे। एसडीओ सक्सेना पर पौधरोपण के नाम पर बड़े घोटाले करने के आरोप है।
उनके खिलाफ वनक्षेत्र में अवैध कब्जे कराने की शिकायतें भी होती रही हैं। सूत्रों ने बताया 23 वर्ष की सेवा अवधि में एसडीओ सक्सेना की कुल वाजिब आय 80 लाख रुपये के आसपास बतायी जा रहीं है, जिसमे से एक तिहाई खर्च किये जाने का पैमाने के अनुसार लोकायुक्त आय-व्यय का आंकलन करता है।
सक्सेना की कुछ संपत्तियां उनके एक बड़वानी निवासी करीबी रिश्तेदार के नाम से खरीदे जाने के दस्तावेज भी लोकायुक्त को मिले हैं। लोकायुक्त पुलिस छानबीन अभी जारी है।


