तेजप्रताप औऱ तेजस्वी के बीच अनबन
बिहार की राजनीति में इस वक्त राजद कुनबे में हो रही उठा-पटक के काफी चर्चे हैं। यादव खानदान में दो भाइयों की अनबन का असर पार्टी के साथ-साथ राजनीति पर भी पड़ता दिख रहा है।हालत ये है कि उनके लिए रक्षाबंधन पर अपनी बहनों के पास जाना भी मुश्किल हो गया है

राष्ट्रीय जनता दल एक लंबे वक्त से सत्ता से बाहर है। उसके सामने भाजपा और जदयू जैसी पार्टी से मुकाबला करने की चुनौती है। लेकिन अब राजद कुनबे में आ रही दरार को भरना भी एक बड़ा काम बन गया है। लेकिन इसके लिए लालू प्रसाद यादव खुद कमान संभालते दिख रहे हैं। आपको बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद लगभग चार साल जेल में रहे और इस दौरान उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने पार्टी की कमान अच्छे से संभाली। चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। लेकिन अब तेजस्वी और उनके बड़े भाई तेजप्रताप के बीच तनाव पार्टी पर असर डाल रहा है। इसलिए लालू प्रसाद अपने बड़े बेटे प्रताप की हरकतों से बुरी तरह से नाराज हो गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का फोन ही उठाना बंद कर दिया है। तेज प्रताप को उनके परिवार के सदस्यों ने चेतावनी दी थी और अपनी सीमा में रहने के लिए कहा था। क्योंकि वो जिस तरह से अपनी ही पार्टी को बदनाम कर रहे थे और वरिष्ठों का अपमान कर रहे थे, उससे लालू बहुत नाराज थे। तेज प्रताप की बहनों ने भी संभल जाने की नसीहत दी है। तेजप्रताप को अपनी बहनों के पास रक्षाबंधन के लिए दिल्ली आना था, लेकिन बताया जा रहा है कि वे नहीं आ पा रहे हैं।
आपको बता दें कि पिछले दिनों तेजस्वी यादव के दिल्ली चले जाने पर भड़के तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव फिर ऐसे वक्त बिहार छोड़कर भागे हैं, जब राज्य की जनता बाढ़ से डूब रही है। उन्हें इस वक्त दिल्ली में नहीं, बिहार में होना चाहिए था। यहां रह कर तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष का फर्ज निभाना चाहिए, लेकिन वो ऐसा नहीं निभा पा रहे। तेज प्रताप ने आरोप लगाते हुए कहा कि तेजस्वी को सलाह देने वाले गलत लोग हैं। उनके सलाहकार संजय यादव ही तेजस्वी को बरगला कर दिल्ली ले गए हैं। तेजस्वी आजकल उन्हीं के कहने पर चल रहे हैं।
अब तेजप्रताप और तेजस्वी का ये झगड़ा कब खत्म होता है, ये तो वक्त बताएगा। फिलहाल ये जाहिर है कि लालू प्रसाद अपने छोटे बेटे को ही पार्टी हित में आगे बढ़ाएंगे।


