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नर्मदा नदी में गंदे पानी और मैला का मिलना चिंताजनक : प्रह्लाद

मध्यप्रदेश की जीवनदायनी है नर्मदा नदी, मगर इस नदी की हालत को लेकर हर कोई चिंतित है

नर्मदा नदी में गंदे पानी और मैला का मिलना चिंताजनक : प्रह्लाद
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अनूपपुर। मध्यप्रदेश की जीवनदायनी है नर्मदा नदी, मगर इस नदी की हालत को लेकर हर कोई चिंतित है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी चिंता जताई है। साथ ही नर्मदा नदी में गंदे पानी और मैला मिलने पर रोक लगाने की जोरदार तरीके से पैरवी की, साथ ही ट्रीटमेंट प्लांट को जरूरी बताया। नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में चौहान और पटेल ने विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि पवित्र नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। मां नर्मदा के आशीर्वाद से प्रदेश में सुख-समृद्धि आती है। पवित्र नर्मदा नदी के उद्गम-स्थल अमरकंटक को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिये संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के उदगम-स्थल में गंदा पानी और मैला न मिले इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। उद्गम स्थल को स्वच्छ, सुंदर और पवित्र बनाए रखने के लिए जनमानस के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा।

चौहान ने कहा कि पवित्र अमरकंटक नगरी साधु-संत एवं ऋषि मुनियों की तपस्थली रही है। इसे पवित्र बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। अमरकंटक क्षेत्र के नागरिक एवं संत समाज इस दिशा में सोचें कि पवित्र नर्मदा नदी में किसी प्रकार गंदगी न पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा जल ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य आगामी छह माह में पूरा कर नर्मदा के तटीय क्षेत्रों में पौधरोपण किया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि अमरकंटक में पक्के निर्माण कार्यों एवं सीमेंट-कंक्रीट के कार्यों को प्रतिबंधित किया जाए।

उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि अमरकंटक में पक्के निर्माण कार्यों एवं सीमेंट-कंक्रीट के कार्यों को प्रतिबंधित किया जाए। अमरकंटक क्षेत्र के पर्यावरण को वैज्ञानिक ढंग से संतुलित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि नर्मदा नदी का संरक्षण और संवर्धन हो, जिससे नर्मदा का जल पुन: कल-कल बहे।

अमरकंटक क्षेत्र के गायत्री और सावित्री सरोवरों से गाद निकालने का कार्य प्रारंभ किया जाए जाने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की प्रशाद योजनांतर्गत अमरकंटक में विभिन्न निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जिससे अमरकंटक का स्वरूप बदलेगा और पर्यटक आकर्षित होंगे।

वहीं, पटेल ने कहा, "नर्मदा भक्त के रूप में अमरकंटक के विकास के लिए मां नर्मदा ने मुझे निमित्त बनाया है। मां नर्मदा के लिए मुझे कुछ अच्छा करने का अवसर मिला है जिसे में अपना भाग्य समझता हूं।"

पटेल ने आगे कहा नर्मदा की सुंदरता के अलावा स्वच्छता पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। अमरकंटक क्षेत्र के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए क्षेत्र में व्यावसायिक भवनों के निर्माण पर प्रतिबंध होना चाहिए तथा गंदगी मां नर्मदा के आंचल में न जाए, इसके प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि अमरकंटक की स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखने के लिए कमर्शियल एक्टिविटीज को रोकना होगा।

संस्कृति, पर्यटन एवं अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि रामगमन पथ के निर्माण के प्रयास किए जाएं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि नर्मदा क्षेत्र साधु- संतों और महात्माओं का पवित्र क्षेत्र रहा है। हम नर्मदा पुत्र है, हमारे जनजातीय समाज के लोगों ने आदिकाल से साधु-संतों की सेवा की है।


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