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मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सामने गंदगी का ढेर

 मेडिकल कालेज अस्पताल के सामने गंदगी के ढेर लगने से वहां निकलने वाले मरीज फिर से स्वास्थ्य सेवा लेने में लगे है 

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सामने गंदगी का ढेर
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बदबू से मरीज व परिजन परेशान
रायगढ़। मेडिकल कालेज अस्पताल के सामने गंदगी के ढेर लगने से वहां निकलने वाले मरीज फिर से स्वास्थ्य सेवा लेने में लगे है चूंकि मेडिकल कालेज के प्रबंधन द्वारा नियमों को ताक में रखकर मुख्य द्वार के सामने लगातार अस्पताल से निकलने वाला जहरीला अपशिष्ट पदार्थ तथा साफ-सफाई का पूरा कचरा डंप कर दिया जाता है और यह कचरा तीन से चार दिन तक नही उठाया जाता।

हकीकत यह है कि अस्पताल प्रबंधन का अपना सफाई स्टाक है लेकिन कागजों में चल रही यह सफाई व्यवस्था खर्च की राशि प्रबंधन के जेब में जा रही है।अस्पताल के सामने का कचरा आसपास के स्वस्थ्य लोगों के लिए तो गंभीर खतरा बना ही हुआ है बल्कि यहां आने वाले मरीज भी अपनी बीमारी के साथ-साथ कचरे से फैल रही बीमारी की चपेट में आ रहे हैं स्थिति यह है कि इसकी बदबू से दूर-दूर तक का माहौल भी खराब हो रहा है लेकिन न तो अस्पताल प्रबंधन को इसकी चिंता है और नही नगर निगम को।

स्व. लखीराम मेडिकल कालेज द्वारा संचालित जिला चिकित्सालय एक बार फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है और इस बार प्रबंधन की लापरवाही से मुख्य द्वार के सामने फैल रही गंदगी मुख्य सुर्खियां बन रही है।बीते कई दिनों से प्रबंधन की मनमानी से अस्पताल के भीतर से निकलने वाले आपरेशन के कचरे और अन्य जहरीले सामान बेतरतीब तरीके से मुख्य द्वार के सामने फेंके जा रहे हैं जो एक बड़ा कचरे के ढेर में बदल चुका है।

इस कचरे के ढेर के आसपास सुबह व शाम शौच से लेकर अन्य गंदगी भी फैल रही है और इसके ठीक बगल में स्थित रेडक्रास सोसायटी की दवा भी संचालित है और चंद कदम दूर अस्पताल का मुख्य द्वार भी है, लेकिन गंदगी का ढेर बीचों बीच होनें से इसकी साफ-सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने की बजाए यह ढेर लगातार बड़ा होते जा रहा है जिसके चलते आसपास का पूरा वातावरण बदबू में फैला रहता है।

गंभीर बीमारियों तथा जहरीले कचरे को इस प्रकार खुले में फेंकने के लिए अपने नियम है पर मेडिकल कालेज प्रबंधन नियमों को ताक में रखकर कचरे को अपने ही अस्पताल के मुख्य द्वार में फेंककर साफ-सफाई व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहा है। एक जानकारी के अनुसार मेडिकल कालेज का अपना खुद का साफ-सफाई विभाग ठेके में संचालित है पर बाहर फेंके जाने वाले कचरे को नगर निगम से उठवाकर ठेके की राशि भी हजम करने में लगा है।

स्थिति यह है कि दिनों दिन यहां फैल रही गंदगी से रेडक्रास सोसाएटी में दवा खरीदने आने वाले मरीज के परिजन और अस्पताल में आने वाले मरीज आते तो है अपनी बीमारी का इलाज कराने लेकिन भारी गंदगी से फैल रही बीमारी से भी वे ग्रसित हो जाते हैं। नियमों की उड़ा रही धज्जियांइस पूरे मामले में हमने अस्पताल प्रबंधन से भी बात करने की कोशिश की लेकिन कोई भी चर्चा के लिए तैयार नहीं हुआ।

शहर के समाजसेवी बजरंग अग्रवाल, संतोष अग्रवाल के अलावा जन चेतना मंच के राजेश त्रिपाठी का कहना है कि अस्पताल मरीजों की स्वास्थ्य सुविधाओं की देखरेख करने के लिए संचालित किया जाता है, लेकिन लखीराम मेडिकल कॉलेज का अस्पताल अपने ही अस्पताल के सामने जहरीले कचरे को फेंककर नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। इनका कहना है कि इस मामले में तत्काल कलेक्टर को कार्रवाई के लिए आगे आना चाहिए चूंकि दिनों दिन स्वच्छ भारत अभियान के नारे के विपरीत यहां गंदगी बढ़ती जा रही है।


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