जिम्स के निदेशक ने अपने ऊपर लगे आरोप को बताया निराधार
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा के निदेशक पर लगाया गया अयोग्यता का आरोप पूरी तरह निराधार एवं मिथ्या बताया है

ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा के निदेशक पर लगाया गया अयोग्यता का आरोप पूरी तरह निराधार एवं मिथ्या बताया है। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ.(ब्रिगे.) राकेश गुप्ता ने प्रेस वार्ता में बताया कि संस्थान के खिलाफ कई प्रकार की सूचनाएं प्रकाशित हो रही हैं, जिसमें ज्यादातर मिथ्या है व दुर्भावनावश प्रकाशित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कुछ संस्थान बिना किसी जानकारी के जिम्स के निदेशक की नियुक्ति को लेकर सवाल उठा रहे हैं, जो बिल्कुल निराधार है। प्रेस वार्ता में उन्होंने अपनी सभी मार्कशीट अनुभव प्रमाण-पत्र शिक्षण का अनुभव की मूलप्रति को साझा किया।
डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि पूर्व में लगभग 32 वर्ष सेना में अपनी सेवाएं दी थी। 13 अप्रैल 2009 में एमसीआई एवं एएफएमसी से प्रोफेसर बने तथा 14 जुलाई 2013 तक एएफएमसी में प्रोफेसर रहे। इसके बाद 14 जुलाई 2013 से 28 जुलाई 2015 तक कमाण्ड हॉस्पिटल लखनऊ में, 17 दिसम्बर 2016 से 20 जुलाई 2018 तक पुनः एएफएमसी में प्रोफेसर रहे। इस प्रकार कुल 7 वर्ष 9 माह प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे तथा कुल टीचिंग अनुभव लगभग 19 वर्ष 9 माह का है।
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निदेशक के पद पर नियुक्ति के लिए शासन द्वारा संस्थान निदेशक पद की अर्हता हेतु 10 वर्ष का टीचिंग अनुभव मांगा था, जिसमें केवल 5 वर्ष का प्रोफेसर पद का अनुभव वांछित था।
उन्होंने बताया कि जिस तरह से बिना किसी पत्र की जांच किए दुर्भावना से खबरे प्रकाशित की गयी है, सम्बंधित संस्थान को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। राकेश गुप्ता ने बाताया कि जिम्स संस्थान पिछले डेढ़ साल में 23 करोड़ का लाभ हुआ, जिसमें 13 करोड़ मरीजों से और 10 करोड़ सीएसआर फंड से हासिल किया गया।
जिम्ममें एमडीआर टीवी सेन्टर, एचआईवी सेन्टर व ई-संजीवनी के साथ मेडिकल एजूकेशन क्षेत्र में नरसिंग, पैरामेडिकल और शोध में प्रगति की गयी गयी है। जिम्स में 180 प्रोजेक्ट में से 20 को 3 को डेढ़ करोड़ की फंडिंग की गयी है।


