लेखिका प्रत्यक्षा सिन्हा को मिला राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान
हिंदी की चर्चित युवा लेखिका प्रत्यक्षा सिन्हा को कहानी के जरिये समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के लिए राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान प्रदान किया गया

नयी दिल्ली । हिंदी की चर्चित युवा लेखिका प्रत्यक्षा सिन्हा को कहानी के जरिये समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के लिए राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान प्रदान किया गया है।
गुरुग्राम में पावर ग्रिड कारपोरेशन में कार्यरत श्रीमती सिन्हा को यह सम्मान हिंदी के प्रख्यात लेखक राजेन्द्र यादव की जयंती के मौके पर मंगलवार के शाम को दिया गया। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक उदय प्रकाश ने वर्ष 2018 का यह पुरस्कार श्रीमती सिन्हा को उनकी कहानी ‘बारिश के देवता’ के लिए प्रदान किया। इस वर्ष पुरस्कार के निर्णायक श्री उदय प्रकाश थे ।
इस अवसर पर हंस पत्रिका के सोशल मीडिया विशेषांक का भी लोकार्पण किया गया और पहली बार पत्रिकाओं के प्रचार- प्रसार के लिए विक्रेताओं को भी सम्मानित किया गया। समारोह में वक्ताओं ने तेलगु के प्रसिद्ध कवि वर वर राव, मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नव लखा तथा अधिवक्ता सुधा भारद्वाज आदि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किए जाने की कड़ी निंदा की और कहा कि देश में लेखकों, बुद्धिजीवियों को डराने के लिए भय का माहौल बनाया जा रहा है ताकि वे अपने समय का सच न लिखें और व्यवस्था को एक्सपोज न करें। मुंशी प्रेमचंद द्वारा स्थापित पत्रिका हंस के पूर्व संपादक राजेन्द्र यादव के स्मृति में हर साल उनके जन्म दिन पर यह पुरस्कार किसी श्रेष्ठ कहानी को दिया जाता है।


