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राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा में कांटे की टक्कर होने के आसार

राजस्थान में आगामी सत्रह अप्रैल को राजसमंद, भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा एवं चुरु जिले में सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनावी गतिविधियां जोर पकड़ने लगी हैं

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा में कांटे की टक्कर होने के आसार
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जयपुर। राजस्थान में आगामी सत्रह अप्रैल को राजसमंद, भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा एवं चुरु जिले में सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनावी गतिविधियां जोर पकड़ने लगी हैं और तीनों जगहों पर सत्तारुढ़ कांग्रेस एवं विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में सीधा मुकाबला होने के आसार हैं।

हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के समय से अस्तित्व में आई राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) भी यह तीनों चुनाव लड़ रही हैं और इससे दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशियों का चुनावी गणित प्रभावित हो सकता है। लेकिन माना जा रहा है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस एवं भाजपा में होने की संभावना लग रही है।

इन सीटों पर नामांकन वापसी के बाद कुल सताईस उम्मीदवार चुनाव लड़े रहे हैं। इनमें सहाड़ा सीट भाजपा के बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी लादूलाल पितलिया के नामांकन वापस ले लेने के बाद इस समय सबसे ज्यादा चर्चित बनी हुई हैं। सहाड़ा उपचुनाव के लिए आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं उनमें भाजपा के पूर्व मंत्री डा रतनलाल जाट और कांग्रेस की दिवंगत एवं पूर्व विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री त्रिवेदी चुनाव मैदान में हैं। जबकि रालोपा ने बद्रीलाल जाट को चुनाव मैदान में उतारा है जो पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रुप लाल जाट के भाई हैं। भाजपा एवं रालोपा के उम्मीदवार एक समुदाय के होने से जाट वोटों के बंटवारे का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है वहीं भाजपा के लिए श्री पितलिया को मना लेना बड़ी राहत हो सकती है।

पितलिया पिछले चुनाव में भी बागी होकर चुनाव लड़ा और 30 हजार 573 वोट लेने से भाजपा उम्मीदवार रुप लाल जाट चुनाव हार गए थे। सहाड़ा में आरआरपी पार्टी ने ईश्वर चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया हैं जबकि चार निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

चूरू की सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री एवं दिवंगत मास्टर भंवरलाल मेघवाल के पुत्र मनोज कुमार तथा भाजपा ने पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल जबकि रालोपा ने सीताराम नायक को चुनाव मैदान में उतारा है और यहां भी कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला रहने के आसार नजर आ रहे है। हालांकि रालोपा भी खूब जोर लगा रही हैं और इस चुनाव में वह कितना कामयाब होती हैं चुनाव परिणाम पर ही मालुम चल पायेगा। सुजानगढ़ में एआरजेपी ने दौलतराम को चुनाव मैदान में उतारा हैं। इनके अलावा पांच निर्दलीय भी चुनाव लड़े रहे हैं।

राजसमंद में सबसे ज्यादा दस उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं उनमें कांग्रेस के तनसुख बोहरा एवं भाजपा की पूर्व मंत्री एवं दिवंगत किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी के बीच चुनावी टक्कर होने के आसार हैं। हालांकि रालोपा ने प्रहलाद खटाना को चुनाव मैदान में उतारा हैं वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अमर सिंह कलुंधा और आरआरपी ने हितेश शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया हैं। राजसमंद से इनके अलावा पांच निर्दलीय भी चुनाव लड़ रहे हैं।

शनिवार को नाम वापसी के बाद चुनावी तस्वीर साफ होने के बाद कांग्रेस, भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दलों एवं निर्दलीयों ने अपना चुनाव प्रचार शुरु कर दिया हैं। सुजानगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज कुमार मेघवाल के समर्थन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा सुजानगढ़ में जनसंपर्क किया और पार्टी के लोगों से मिलकर फीड बैक भी लिया है। इस मौके उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी भी मौजूद थे। उधर सहाड़ा में कांग्रेस की गायत्री देवी ने अपना प्रचार शुरु कर दिया हैं। इसी तरह अन्य तीनों सीटों पर अन्य सभी प्रत्याशियों ने अपने चुनाव प्रचार एवं उसकी तैयारी शुरु कर दी गई हैं।

उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ श्री डोटासरा एवं अन्य नेता एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां एवं अन्य नेता अपने उम्मीदवारों के चुनाव जीतने के दावे कर रहे हैं वहीं रालोपा के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत के दावे कर रहे हैं।


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