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राजनीतिक स्वार्थ के लिए संघ की छवि धूमिल कर समाज को बांटना चाहते हैं दिग्विजय
स्व गुरु गोलवलकर जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन, दिग्विजय सिंह राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए संघ की छवि धूमिल कर समाज को बांटना चाहते हैं, प्रबुद्ध नागरिकों ने की कांग्रेस नेता के विरुद्ध कार्यवाही की मांग

ग्वालियर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘गुरुजी’ पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही की मांग को लेकर शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने सोमवार को जिलाधीश की अनुपस्थिति में अपर कलेक्टर एचबी शर्मा को ज्ञापन सौंपा। शर्मा ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले में विचार कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
ज्ञापन सौंपते समय प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए संघ की छवि धूमिल कर समाज को बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने एक भ्रामक पोस्ट अपने फेसबुक एवं ट्विटर पर श्री गुरु जी के चित्र के साथ डाली है। जिसके कैप्शन में लिखा है गुरु गोलवलकर जी के दलित, पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल, जंगल व जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे अवश्य जानिए। इस पोस्ट के साथ जो पोस्टर शेयर किया गया है उसमें लिखा था सदाशिवराव गोलवलकर जी ने अपनी पुस्तक वी एंड अवर नेशनहुड आईडेंटीफाइड में स्पष्ट लिखा है जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन, संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने 2-3 विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें, 95 प्रतिशत जनता को भिखारी बना दें, उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी। इस बात के नीचे श्री गोलवलकर जी की फोटो लगी हुई है। जिसके नीचे लिखा है, मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन जो दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए। गोलवलकर गुरु जी 1940।
प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा कि दिग्विजय सिंह की इस पोस्ट से करोड़ों भारतवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं। भारत का प्रत्येक नागरिक श्री गुरु जी के व्यक्तित्व, चरित्र एवं उनके कृतित्व से भली भांति परिचित है। इस देश के जनमानस में यह स्पष्ट है कि श्री गुरुजी जीवन पर्यंत विभिन्न वर्गों में बंटे समाज को प्रेम, सौहार्द सद्भावना और समरसता के रास्ते पर चलाकर एक करने के लिए प्रयत्नशील रहे हैं। उनके त्यागी, तपस्वी,प्रेरणादायक जीवन से प्रेरित होकर करोड़ों भारतवासी उनके प्रति अपनी आस्था रखते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इससे पहले भी तुष्टिकरण की नीति के तहत राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं इससे जुड़े करोड़ों स्वयंसेवकों को बदनाम कर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे उनकी सत्ता प्राप्त करने की राजनैतिक स्वार्थपूर्ति हो सके।
ज्ञापन देने वालों में अखिल भारतीय पुजारी संघ के महासचिव गौरव महाराज, दीपक सचेती, डीआरडीई ग्वालियर के पूर्व निदेशक देवेन्द्र कुमार दुबे, संजीव बंसल, उप महाधिवक्ता वीरेन्द्र पाल, रविन्द्र कुशवाह, अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक खेडक़र, निर्मल कोठारी, पप्पू वर्मा, डॉ.राजेन्द्र गुर्जर, डॉ.संगीता वाल्मीकि, रीना सोलंकी, प्रमोद मिश्रा, रमाकांत समाधिया, हेमलता राव, दीप्ती सांघी, कर्नल श्रीमनजी, नेहा अग्रवाल आदि शामिल रहे।
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