डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा भारतीय स्टार्टअप के विकास को गति दे रहा
उद्योग जगत के लीडर्स ने शनिवार को कहा कि पिछले दशक में भारत में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के विकास ने देश में स्टार्टअप को रफ्तार दी है

नई दिल्ली। उद्योग जगत के लीडर्स ने शनिवार को कहा कि पिछले दशक में भारत में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के विकास ने देश में स्टार्टअप को रफ्तार दी है।
इन्फो एज इंडिया लिमिटेड के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने फिक्की की वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, भारत में अनुसंधान और विकास वर्तमान में एक दशक पहले की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जिसने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में स्टार्टअप आईपीओ के एक समूह को बढ़ावा दिया है।
हालांकि, शुरुआती चरण के स्टार्टअप के लिए फंडिंग की कोई कमी नहीं है, लेकिन रक्षा-तकनीक, ड्रोन जैसे क्षेत्रों में संभावित ग्राहक बाजार उपलब्ध कराने में सरकार का समर्थन प्रासंगिक है, क्योंकि सरकार ही मुख्य खरीदार है।
मामाअर्थ (होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड) की सह-संस्थापक ग़ज़ल अलघ ने कहा कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र उद्यमिता के पक्ष में विकसित हो रहा है।
उन्होंने कहा, ''भारत में बढ़ता मध्यम वर्ग उपभोक्ता हितैषी कंपनियों के लिए एक बड़ा समर्थक रहा है। सरकार द्वारा स्थापित राज्य-स्तरीय इन्क्यूबेशन केंद्र छात्रों को अपना स्टार्टअप बनाने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है।''
टाइटन कैपिटल और ऐस वेक्टर ग्रुप के सह-संस्थापक रोहित बंसल के अनुसार, देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए कराधान (टैक्सेशन) के मामले में सार्वजनिक और निजी कंपनियों के बीच समान अवसर प्रदान करने जैसे उपाय आवश्यक हैं।
एस्टेरिया एयरोस्पेस लिमिटेड के निदेशक और सह-संस्थापक नील मेहता ने कहा कि रक्षा, अंतरिक्ष, एआई/एमएल और बायोटेक जैसे क्षेत्र डीपटेक के प्रमुख लाभार्थी हैं।
उन्होंने कहा, ''पिछले दशक में भारत में ड्रोन के उपयोग के संबंध में सार्वजनिक जागरूकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। डीपटेक क्षेत्र में नए दौर की नौकरियों का सृजन भी देखा गया है, और सही थीम पर निर्माण और उचित निष्पादन सुनिश्चित करना एक स्टार्टअप की सफलता की कुंजी हो सकता है।''


