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राहुल गांधी की सदस्यता समाप्ति पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग बात

वायनाड सीट (केरल) से निर्वाचित श्री राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने की अधिसूचना पर कानूनी पंडितों की अलग-अलग व्याख्या देखने को मिली है

राहुल गांधी की सदस्यता समाप्ति पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग बात
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नई दिल्ली। वायनाड सीट (केरल) से निर्वाचित श्री राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने की अधिसूचना पर कानूनी पंडितों की अलग-अलग व्याख्या देखने को मिली है।

कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहने के बाद, समाजवादी पार्टी के सहयोग से राज्य सभा सदस्य बने कपिल सिब्बल ने कहा कि कानून में लिखा है, “यदि आप किसी आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाते हो और आपको कम से कम दो साल की सजा सुनायी जाती है, तो आपकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है, लेकिन उन्होंने सूरत की अदालत द्वारा राहुल गांधी को मानहानि का दोषी करार दिए जाने के फैसले को, ‘अजीबो-गरीबो’ करार दिया है। ”

उनका कहना है, “ कानून कहता है कि यदि किसी जुर्म में आपको दोषी करार दिया जाता है और आपको दो साल की सजा हो जाती है, तो आपकी सीट रिक्त हो जाती है। अध्यक्ष कानून के अऩुसार ही इस संबंध में कदम उठाते हैं। ”

कांग्रेस नेता और कानून के विशेषज्ञ पी चिदंबरम ने शुक्रवार को श्री गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद, ट्वीट किया,“ निर्णय 23 मार्च, अयोग्यता 24 मार्च। व्यवस्था ने जिस गति से काम किया है, वह चौंकाने वाला है। सोच-विचार और समझने या कानूनी समीक्षा पर जरा सा भी समय नहीं लगाया गया। ”

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया, “ कार्रवाई की रफ्तार से मैं चकित हूं, अदालत के निर्णय के 24 घंटे के अंदर (कार्रवाई) कर दी गयी, जबकि यह पता था कि (निर्णय के खिलाफ) अपील की जाएगी। यह बेदर्दी भरी राजनीति है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। ”

विभिन्न कानूनी विशेषज्ञों ने फैसला आने के बाद ही कहा था कि राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने का प्रावधान तत्काल प्रभाव से स्वतः लागू हो गया है। भले ही न्यायालय ने उनकी जमानत मंजूर कर ली है।

वर्ष 2013 से लागू कानूनी संसोधनों के बाद ऐसी स्थितियों में बिहार के नेता लालू प्रसाद यादव, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता, राज्यसभा सदस्य रशीद मसूद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक आजम खान सहित कई नेताओं की सदस्यता उनकी सजा घोषित होने से तत्काल बाद स्वतः समाप्त हो चुकी है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा श्री गांधी की सदस्यता समाप्त होने के संबंध में शुक्रवार को जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट है कि कानून के अऩुसार, वायनाड से निर्वाचित इस सांसद की सदस्यता सूरत की अदालत का फैसला आने के साथ ही समाप्त हो गयी है।

अधिसूचना में कहा गया है, “ केरल के वायनाड संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य श्री राहुल गांधी को सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा अपराधिक वाद सीसी/18712/2019 मामले में दोषी घोषित किये जाने के परिणामस्वरूप उन्हें दोषी करार दिये जाने की तिथि अर्थात 23 मार्च 2023 से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 (1)(ई) के अनुसार तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1991 की धारा 8 के दृष्टिगत लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया जाता है। ”

श्री सिब्बल ने फैसले के बाद एक टीवी चैनल से कहा था कि श्री गांधी को सजा निलंबित किए जाने से कोई राहत नहीं मिलने वाली। उन्होंने कहा था कि यदि उनको दोषी करार दिए जाने के निर्णय पर रोक लगती है, तभी उनकी सदस्यता बच सकती है।

कांग्रेस ने श्री गांधी की सदस्यता समाप्त किए जाने पर कहा कि भाजपा सच बोलने वालों की आवाज बंद करना चाहती है।
भाजपा ने श्री गांधी को अदालत में दोषी करार दिए जाने पर कहा है कि कोई भारत में कानून के सामने सभी बराबर हैं।


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