भाग रहे डीजल चोरों ने पुलिस वाहन को मारी टक्कर
एसईसीएल की गेवरा-दीपका खदान में डीजल चोरों का गिरोह फिर सक्रिय हुआ है

कोरबा। एसईसीएल की गेवरा-दीपका खदान में डीजल चोरों का गिरोह फिर सक्रिय हुआ है। ऐसे ही गिरोह के लोगों को डीजल चोरी कर भागते वक्त जब पुलिस ने नाकाबंदी कर पकड़ने का प्रयास किया तो पुलिस वाहन को टक्कर मारकर फरार हो गये।
घटना में वाहन सवार दो पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि देर रात दुर्घटना को अंजाम देने वाले दो वाहनों को जब्त कर लिया गया जो डीजल चोरी में भी प्रयुक्त किये गए थे। मामले में पुलिस विवेचना कर रही है।
जानकारी के अनुसार एसईसीएल की दीपका परियोजना खदान में खड़े भारी वाहनों से डीजल की चोरी करने के लिए चोर गिरोह के सदस्य दो अलग-अलग वाहन लेकर घुसे थे। इसकी जानकारी पुलिस को मिली तो दर्री अनुविभाग क्षेत्र के लिए गठित पीसीआर वैन को मौके के लिए रवाना किया। इस पीसीआर टीम के प्रभारी अजय सोनवानी के नेतृत्व में दल रवाना हुआ। रात लगभग 9:30 बजे इस टीम ने दीपका क्षेत्र से काफी रफ्तार से भाग रही काले रंग की बोलेरो वाहन क्र. सीजी 10 के 4008 को रोकने के लिए दौड़ाया और पुलिस वाहन को आगे ले जाकर बोलेरो को रोकना चाहा तो चालक ने रफ्तार बढ़ाकर पुलिस वाहन को ठोकर मारा और भाग निकला। इस हादसे में पुलिस वाहन में सवार कर्मियों में से दो पुलिस कर्मी विपिन नायक व कलेश बियार चोटिल हो गए।
घटना की सूचना तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम व आला अधिकारियों को दी गई। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल दाखिल कराया गया वहीं दर्री सीएसपी पुष्पेन्द्र बघेल के नेतृत्व में पुलिस की एक पृथक टीम ने फरार वाहन की तलाश शुरू की। रातों-रात पुलिस की टीम ने बिलासपुर जिले के रतनपुर थाना अंतर्गत खूंटाघाट के निकट से दो वाहनों को बरामद किया, जिसमें से एक बोलेरो क्र. सीजी 10 के 4008 से दुर्घटना की गई थी व दूसरी बोलेरो क्रमांक-सीजी 04 एचडी 0242 को भी डीजल चोरी में उपयोग लाये जाने की जानकारी पुलिस को मिली थी।
दोनों वाहनों को चालक सहित पाली थाना लाया गया। यहां दोनों वाहनों के चालकों से गहन पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक चोरों ने खदान से चुराये गए डीजल को आनन-फानन में कहीं खपा दिया या छिपा दिया और फरार हो गये, जबकि बोलेरो क्रमांक- 4008 से खाली जरीकेन मिले हैं।
इस घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए आला अधिकारियों से संपर्क किये गए किन्तु फोन रिसीव नहीं होने की वजह से पकड़े गये चालकों और वाहनों तथा वारदात के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी।


