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दिब्येंदु भट्टाचार्य को फिल्म के सेट से यादगार चीजें इकट्ठा करना पसंद

'मकबूल', 'ब्लैक फ्राइडे', 'देव डी.', 'लुटेरा' जैसी फेमस फिल्‍मों से नाम कमाने वाले अभिनेता दिब्येंदु भट्टाचार्य को इन दिनों अपनी नवीनतम सीरीज 'पोचर' के लिए काफी सराहना मिल रही है

दिब्येंदु भट्टाचार्य को फिल्म के सेट से यादगार चीजें इकट्ठा करना पसंद
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मुंबई। 'मकबूल', 'ब्लैक फ्राइडे', 'देव डी.', 'लुटेरा' जैसी फेमस फिल्‍मों से नाम कमाने वाले अभिनेता दिब्येंदु भट्टाचार्य को इन दिनों अपनी नवीनतम सीरीज 'पोचर' के लिए काफी सराहना मिल रही है। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें फिल्‍म के सेट से यादगार चीजें इकट्ठा करना पसंद है।

दिब्येंदु ने पिछलेे कुछ वर्षों में फिल्‍म जगत में अपने लिए एक खास जगह बनाई है। वह एक भरोसेमंद अभिनेता बनकर उभरे हैं जो निर्माताओं और कहानीकारों की पहली पसंद बन रहे हैै।

एक्‍टर ने यूट्यूब चैनल डिजिटल कमेंट्री को बताया, “मैं हमेशा फिल्म सेट से यादगार चीजें इकट्ठा करता हूं। यदि मैं किसी फिल्म की शूटिंग कर रहा हूं और मेरा किरदार स्मोकिंग पाइप पीता है तो मैं निर्माताओं से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करूंगा कि क्या मैं उस पाइप को याद के तौर पर रख सकता हूं। वहीं अगर मेरा किरदार जि‍प्पो लाइटर का भी इस्‍तेमाल करता है तो मैं उसे भी रखने के लिए अनुरोध करता हूं।''

इसके बाद उन्होंने एक घटना बताई, जब एक महिला प्रोड्यूसर ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया था।

दिब्येंदु ने कहा, ''एक प्रोजेक्‍ट से मैंने एक घड़ी को यादगार के तौर पर रखा था। वह ब्रांडेड घड़ी नहीं थी, लेकिन फैंसी थी। उसे टीम ने चाेेर बाजार से खरीदा था। दो महीने बाद जब मैं प्रमोशन और फोटोशूट के लिए फिल्म पर लौटा, तो मुझे घड़ी नहीं मिली। इस महिला ने मुझसे कहा, 'अच्छा बेच दिया उसको'? मैंने बोला, “इस औरत के साथ तो मैं जिंदगी में कभी बात नहीं करूंगा।”

अभिनेता ने इससे पहले आईएएनएस को बताया था कि उन्‍हें ऐसा लगता है कि बड़ी भूमिकाओं की तुलना में छोटी भूमिकाएं निभाना ज्‍यादा कठिन होता है। इसका कारण बताते हुए उन्‍होंने कहा था कि छोटे किरदारों के लिए एक एक्‍टर को बड़ी भूमिकाओं पर काम करने वाले की तुलना में बहुत ही सीमित समय में लय में आना पड़ता है, जहां उन्हें किरदार के साथ उसकी बारीकियों को समझने के लिए अधिक समय मिलता है।

अभिनेता ने आईएएनएस को बताया, “बड़े किरदारों की तुलना में छोटी भूमिकाएं निभाना बहुत कठिन होता है। छोटी भूमिकाओं से लोगों को बहुत उम्मीदें होती हैं, और यह विशेष रूप से मुश्किल है।''


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