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हीरा भी दे रहा है भारत-इस्राएल दोस्ती को मजबूती

कई भारतीय हीरा व्यापारी सालों से इस्राएल में रहकर वहां हीरों का कारोबार कर रहे हैं.

हीरा भी दे रहा है भारत-इस्राएल दोस्ती को मजबूती
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तटीय शहर तेल अवीव के पास इस्राएल डायमंड एक्सचेंज में अपने छोटे से दफ्तर में बैठे भारतीय कारोबारी प्रवीण कुकाडिया अपने कीमती पत्थरों का संग्रह गर्व से पेश करते हैं. हीरा विशेषज्ञों के मुताबिक भारत और इस्राएल के बीच हीरे ने एक प्रमुख राजनयिक और आर्थिक लिंक को स्थापित किया है- जो हर साल 1.5 अरब डॉलर या सभी व्यापार के आधे का प्रतिनिधित्व करता है.

कुकाडिया पहली बार 1996 में इस्राएल गए थे लेकिन उसके उनका वहां जाना लगातार बना रहा. वह बतौर खरीददार वहां जाते थे. वह गुजरात के सूरत से आते हैं, जहां हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग का काम होता है. कुकाडिया कहते हैं, "उस समय मैंने अनगढ़े हीरे खरीदे. मैं छोटे साइज के हीरे खरीदता और ऐसे हीरे जो कम कीमती होते."

56 साल के कुकाडिया अब बड़े पत्थरों का व्यापार करते हैं. 2003 में वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ इस्राएल चले आए और अपना व्यवसाय विकसित करने लगे. उनका कहना है कि इस्राएल "हीरा उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी" था और क्षेत्र में नवाचार के मामले में सबसे आगे था.

कुकाडिया कहते हैं, "उस समय भारत के पास यहां जैसी तकनीक नहीं थी." उन्होंने अपने भारतीय वर्कशॉप के लिए लेजर-मशीन समेत इस्राएली तकनीक का आयात किया है. उन्होंने बताया कि इस्राएल के डायमंड एक्सचेंज में लगभग 30 भारतीय कंपनियां ट्रेडिंग करती हैं, जिस कारण भारत एक ऐसा विदेशी देश बन गया है जिसकी सबसे अधिक संख्या में कंपनियां है.

इस्राएल में हीरे का कारोबार करने वाले अधिकांश भारतीय परिवार, लगभग 80 लोग, रमात गान शहर में डायमंड एक्सचेंज के पास रहते हैं. कई परिवार एक ही इमारत में रहते हैं. कुकाडिया कहते हैं, "हम एक हैं और एक ही परिवार की तरह रहते हैं."

इस्राएल के आव्रजन वकील जोशुआ पेक्स के मुताबिक भारतीय हीरा व्यापारियों को इस्राएल में "विशेष दर्जा" हासिल है, जिसका उद्देश्य भारत के साथ व्यापार को बढ़ावा देना है.

पेक्स के मुताबिक, "2018 के बाद से वे इस्राएल में अनिश्चित काल तक काम कर सकते हैं और यहां रह सकते हैं. वे अपने परिवारों को ला सकते हैं." पेक्स ने बताया, "दूसरे देशों के हीरा व्यापारियों को जहां हर दो साल में वीजा रेन्यू कराना होता है वहीं भारतीय कारोबारियों को तीन साल में ऐसा करना होगा."

डायमंड एक्सचेंज के विशाल परिसर में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) भी मौजूद है, जो वहां मौजूद एकमात्र विदेशी बैंक है.

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द्विपक्षीय संबंध हीरे से भी आगे

इस बीच गुरुवार को इस्राएल के रक्षा मंत्री बेन्यामिन गांत्ज भारत और इस्राएल के बीच आधिकारिक राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ के मौके पर भारत दौरे पर थे. उन्होंने भारत से रक्षा संबंधों को गहरा करने का आग्रह किया है.भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद गांत्ज ने कहा, "एक साथ काम करके, हम अपनी क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं और दोनों देशों की सुरक्षा और आर्थिक हितों को सुनिश्चित कर सकते हैं."

इस्राएल की तरफ से जारी बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने "रक्षा सहयोग" पर चर्चा की ताकि इस्राएल के "तकनीकी अग्रिम और ऑपरेशनल अनुभव" को "भारत के असाधारण विकास और उत्पादन क्षमताओं" के साथ जोड़ा जा सके.

साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी की जीत और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते काफी सुधरे हैं और दोनों देशों ने बड़े-बड़े समझौते भी किए हैं. इस्राएल हर साल भारत को लगभग एक अरब डॉलर के सैन्य उपकरण बेचता है. दोनों के बीच जल प्रणालियों, कृषि, स्वास्थ्य और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग समझौते कई गुना बढ़ गए हैं.

इस साल के आखिर तक एक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है.


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