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हाथियों के बढ़ते उत्पात से किसान चिन्तित

धरमजयगढ़/रायगढ़ ! वन मंडल धरमजयगढ़ आज अलग-अलग परिक्षेत्र में 84 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। बीती रात वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ के ग्राम सागरपुर के चार किसान मनिन्द्र सरकार ,नारायण विशवास,दयाल,सहित

हाथियों के बढ़ते उत्पात से किसान चिन्तित
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धरमजयगढ़/रायगढ़ ! वन मंडल धरमजयगढ़ आज अलग-अलग परिक्षेत्र में 84 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। बीती रात वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ के ग्राम सागरपुर के चार किसान मनिन्द्र सरकार ,नारायण विशवास,दयाल,सहित अन्य एक किसान के मक्के फसल को बुरी तरह रौद डाला। वनांचल क्षेत्र के कई गांवों में आये दिन इस तरह की समस्याएं सामने आ रही है और फसल की नुकसानी होने के बाद किसानों को मिलने वाला मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है जिससे अंचल के किसान हताश हैं और वन विभाग को इसका दोषी मान रहें है।
धरमजयगढ़ के ग्राम सागरपुर में गजराजों के द्वारा किसानों के फसल को भारी नुकसान पहुंचाने की खबर मिलने के बाद हमाारे संवाददाता ने जब इस गांव में पहुंचकर पीडि़त किसानों से रूबरू चर्चा की तो इन किसानों ने आपबीती कुछ इस तरह से बताया की रात को हाथियों का झुण्ड फसल को नुकसान करते रहता है,हम अपनी खड़े फसल को नुकसान होते देखने को मजबूर रहते है, इतने हाथियो को भगाने का हिम्मत नहीं होने की बात कही,रात भर पुरे ग्रामीण दहशत में रतजगा करते है,ग्रामीणों ने बताया की हाथी आग से भी नहीं डरते,ऐसे में किसान करें तो क्या करें , अब वन विभाग से मिलने वाले मुआवजा की आस पर बैठे हुए है,ऐसे में कई बार देखा गया की किसान अपने फसल को बचाने के लिए अपने खेत में बिजली लेकर हाथी से अपने फसल को बचाने का प्रयास करता है,पर क्षेत्रीय किसान भी डरे सहमें रहते है, कही किसान के खेत में करेंट से हाथी की मौत न हो जाये, क्योंकि क्षेत्र में किसान के खेत में हाथियो की करेंट से मौत का मामला सामने आया तो किसान को जेल की हवा खानी पड़ सकती है। ऐसे में किसान क्षेत्र में हाथियो से फसल नुकसान से परेशान है,उन्हें यह भी डर सताता है की कही उसके खेत में जाने अनजाने हाथियो की मृत्यु न हो जाये,अब देखना होगा की किसान को वन विभाग कितनी जल्द फसल नुकसान का मुआवजा राशि दिलाती है,यह देखने वाली बात होगी। हालांकि किसानों का यह भी कहना है कि जब भी हाथियों के द्वारा फसलों का नुकसान किया जाता है तो किसानों को मिलने वाला मुआवजा नाकाफी ही रहता है और उसके पास अपने फसल नुकसानी को लेकर आंसु बहाने और हताश निराशा में गुजर बसर करने के अलावा और कोई चारा नही बचता है।
विदित रहे कि वन मंडल धरमजयगढ़ में लगातार हाथियो से किसान के फसल नुकसान ,जन हानी,हाथियो की मृत्यु में लगातार बढ़ोतरी हो रही है,लगातार क्षेत्र के जंगलो में हाथी शावक को जन्म दे रहे है,लेकिन सरकार की गजराज परियोजना ग्राउंग में जीरो है आज तक धरमजयगढ़ वन मंडल में गजराज परियोजना के तहत एक पैसे का कार्य नहीं हुआ, जबकि इस वनांचल क्षेत्र में जंगली हाथियों के लगातार आवाजाही और अस्थाई रहवास को देखते हुए न केवल इन विशाल वन्यजीवों को सुरक्षा और पर्याप्त मात्रा में उनके खाद्य सामग्री की जरूरत है बल्कि इन हाथियों के द्वारा किसानों के फसल को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में पीडित और प्रभावित किसानों को भी राहत दिलाने के लिये पर्याप्त पहल करने की जरूरत है। यदि इस दिशा में सरकार और वन विभाग के आला अधिकारी ध्यान दें तो इन परिस्थितियों में न केवल सुधार संभव है बल्कि किसानों को होनें वाले आर्थिक नुकसान पर भी किसी सीमा तक अंकुश लग सकता है।


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