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11 हाथियों के झुंड ने 4 एकड़ फसल रौंदी फिर मचाया उत्पात,ग्रामीणों में दहशत

धरमजयगढ़/रायगढ़ ! जिले के वनांचल क्षेत्र धर्मजयगढ़ में गजराजों का उत्पात लगातार बढ रहा है। पानी और भोजन की तलाश में ये विशालकाल वन्यजीव गांव और अबादी की ओर बढ़ रहें है

11 हाथियों के झुंड ने 4 एकड़ फसल रौंदी फिर मचाया उत्पात,ग्रामीणों में दहशत
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धरमजयगढ़/रायगढ़ ! जिले के वनांचल क्षेत्र धर्मजयगढ़ में गजराजों का उत्पात लगातार बढ रहा है। पानी और भोजन की तलाश में ये विशालकाल वन्यजीव गांव और अबादी की ओर बढ़ रहें है जिसके कारण किसानों, ग्रामीणों व इन जंगली हाथियों से उनका आमना-सामना हो रहा है तथा दोनों की जान खतरे में है। लगातार फसल नुकसानी से जहां क्षेत्र के किसान परेशान है वहीं इन वन्य जीवों पर भी कभी भी मुसीबत आ सकती है। बीती रात धरमजयगढ़ वन मंडल के वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ के ग्राम बाईसी पटवारी हल्का 36 के ग्रामीण रंजन सिंह पिता मीजान सिंह,सेधु पिता प्रेम साय के लगभग 4 एकड़ रवि धान फसल को 11 हाथियो के झुण्ड ने बूरी तरह रौंद डाला, इस क्षेत्र में लंबे अर्से से जंगली हाथियो का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है, जहां जंगली हाथी जंगल में लगने वाली आग के साथ-साथ भोजन और पानी की तलाश में परेशान होकर आबादी क्षेत्र की ओर आ रहें है। ,वहीं दूसरी तरफ इन हाथियों के द्वारा ग्रामीणों के द्वारा लगाई गई फसल को लगातार रौंदे जाने के कारण अंचल के किसान भी परेशान दिख रहे है। आलम यह है कि हाथियो के नुकसान से परेशान किसान अब अपने धान को चारे के रूप में भैस को काट कर खिलाने को मजबूर है, किसान अपनी लगातार फसल नुकसान से हताश दिख रहे है, इस संबंध में पीडि़त किसान सेधु राम ने फसल नुकसान के मुआवजे पर ही सवाल उठाते हुए कहा की वह लम्बे समय से परेशान है,और एक से डेढ लाख की नुकसान में मात्र 4 से पांच हजार ही मुआवजा मिल पता है, जिसके कारण वैसे में खेती करना परेशानी का सबब बनता जा रहा है। वहीं दूसरे किसान रंजन सिंह ने कहा की वह पुराने सदमे को ही भूल नहीं पाया,और कहा की कुछ सालो पहले अपने खेत में बोर लगाकर अच्छे फसल उत्पादन करता था, परंतु अब वह खत्म हो गया, एक रात में ही उनके खेत में लगे बिजली के तार में करेंट से दो हाथियो के मौत को अब तक नहीं भुला पाया, क्योंकि उसके खेत में हाथियो की मृतु से उनके ऊपर विभाग ने मामला दर्ज किया था,जहा उन्हें अदालत से जमानत में छुटना पड़ा था, अब फिर दुबारा हाथियो से फसल नुकसान हुआ है,अब विभाग की आस पड़ पर बैठे हुए है,फिलहाल वन विभाग के परिक्षेत्र सहायक त्रिलोचन डनसेना,धरनीधर सिदार सहित विभाग मौके में पहुच कर हाथी से नुकसार का मुआइना करते हुए 15 दिवस के अंदर शासन के नियम अनुसार राशि को बैंक खाता में देने की बात कह रहें है। मगर न केवल किसान रंजीत सिंह बल्कि अंचल के अधिकांश किसान इस मुआवजे को नाकाफी बताते है और कुछ किसान तो इतने निराश हो चुकें है कि अब किसी दूसरे काम की तलाश में जुगत बिठाने लगे है। दूसरी तरफ ऐन ग्रीष्मकाल में जंगल में लगने वाली आग तथा भोजन और पानी की तलाश में लगातार भटकने के कारण इन विशालकाल वन्य जीवों की जान सांसत में है।


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