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डीजीसीए ने जांच के बाद एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े को दी क्लीन चिट

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अपने एक बयान में कहा कि एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े पर हाल ही में की गई निगरानी में किसी तरह की बड़ी सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई है

डीजीसीए ने जांच के बाद एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े को दी क्लीन चिट
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नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अपने एक बयान में कहा कि एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े पर हाल ही में की गई निगरानी में किसी तरह की बड़ी सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई है।

विमानन नियामक ने कहा कि विमान और संबंधित रखरखाव सिस्टम मौजूदा सुरक्षा मानकों के अनुरूप पाए गए हैं।

एयरलाइन के बोइंग 787-8/9 बेड़े के 33 विमानों में से 4 विमानों की वर्तमान में अलग-अलग मेनटेनेंस, रिपेयर और ऑपरेशन (एमआरओ) सुविधाओं में बड़ी जांच की जा रही है।

डीजीसीए ने कहा, "17 जून 2025 को दोपहर 3 बजे तक, कुल 24 विमानों की आवश्यक जांच सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। इसके अलावा, मंगलवार के लिए 2 अतिरिक्त विमानों की जांच पूरी करने की योजना है, जबकि 18 जून को 1 और विमान की जांच की जाएगी। 2 विमान वर्तमान में दिल्ली में एओजी हैं।"

विमानन नियामक ने कहा कि इन दोनों विमानों की जांच सेवाक्षमता की घोषणा के बाद और सेवा में वापस आने से पहले की जाएगी।

डीजीसीए ने एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की, जो वर्तमान में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में प्रतिदिन 1,000 से अधिक उड़ानें संचालित कर रहे हैं।

बैठक एयरलाइनों की परिचालन मजबूती की समीक्षा करने और सुरक्षा और यात्री सेवा विनियमों का निरंतर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बुलाई गई थी।

डीजीसीए ने एयरलाइन को इंजीनियरिंग, ऑपरेशन, ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट्स में कोऑर्डिनेशन को मजबूत करने की सलाह दी। हवाई क्षेत्र बंद होने को लेकर विशेष रूप से ईरानी हवाई क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव की भी समीक्षा की गई।

हवाई क्षेत्र बंद होने से फ्लाइट डायवर्जन, डिले और कैंसलेशन के केस सामने आए हैं। ऑपरेटरों को यात्रियों और क्रू मेंबर्स के साथ समय पर संचार सुनिश्चित करने और व्यवधानों को कम करने के लिए वैकल्पिक रूटिंग रणनीति अपनाने के लिए कहा गया है।

नियामक ने ऑपरेशनल और सेफ्टी-क्रिटिकल डिपार्टमेंट को समय पर अपडेट प्राप्त करने के लिए अधिक व्यवस्थित और रियल-टाइम डिफेक्ट रिपोर्टिंग मैकेनिज्म पर काम करने की सिफारिश की है।


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