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उप्र विधानसभा में देवरिया कांड की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल

उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन का पूरा प्रश्नकाल देवरिया कांड और सूबे की कानून-व्यवस्था की भेंट चढ़ गया

उप्र विधानसभा में देवरिया कांड की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन का पूरा प्रश्नकाल देवरिया कांड और सूबे की कानून-व्यवस्था की भेंट चढ़ गया। समाजवादी पार्टी के सदस्य सदन की कार्यवाही रोकर देवरिया कांड और कानून-व्यवस्था के विषय पर चर्चा की मांग कर रहे थे।

सपा के सदस्यों ने अपनी इस मांग को लेकर सदन में हंगामा भी किया और बेल में आकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने भी सपा का समर्थन करते हुए अपने-अपने स्थानों से देवरिया कांड पर चर्चा की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने सपा की इस मांग को नामंजूर करते हुए सदन की कार्यवाही को पहले आधा घंटा और फिर पूरे प्रश्नकाल की समाप्ति 12:20 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

सदन की कार्यवाही जैसे ही 11 बजे शुरू हुई, विधानसभा में सपा के नेता एवं नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने अपने स्थान पर खड़े होकर पीठ से देवरिया कांड और प्रदेश की कानून-व्यवस्था के विषय पर सदन की कार्यवाही को रोककर नियम-311 के तहत चर्चा कराने की मांग की।

देवरिया कांड को अति गंभीर बताते हुए चौधरी ने कहा कि इस मामले से पूरे देश में उप्र की बदनामी हुई है। उप्र पर देवरिया का मामला एक कलंक है। यही कारण है कि मानवाधिकार आयोग और हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों को बचाना चाहती है। ऐसे में सरकार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश से पूरे मामले की जांच करानी चाहिए। बसपा के नेता लालजी वर्मा और कांग्रेस ने भी सपा का समर्थन करते हुए देवरिया मामले में चर्चा की मांग की।

विपक्ष की इस मांग पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्ष का यह आरोप गलत है कि सरकार देवरिया मामले में दोषियों को बचा रही है। उन्होंने कहा कि देविरया मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इसकी जांच की सिफारिश सीबीआई से की है। इसके अलावा आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने कहा कि जांच में जो दोषी पाया जाएगा, वह बख्शा नहीं जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि 'इस विषय को निमयों के तहत सदन में लाइए और प्रश्नकाल चलने दीजिए।'

सपा के सदस्य चर्चा की इस मांग को लेकर हंगामा करने लगे और बेल में आकर धरने पर बैठ गए। सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे थे। ऐसे में सदन को अव्यवस्थित देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को पहले आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया।

स्थगन काल पूरे प्रश्नकाल की समाप्ति 12:20 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया। अध्यक्ष ने यह भी निर्देश दिया कि सपा के सदस्य जो बेल में कर रहे हैं, इसे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं माना जाएगा। सपा सदस्य स्थगनकाल में बेल में धरने पर बैठे रहे।


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