रेत व राखड़ के लिए खोद दिया मरघट
स्वार्थ की पूर्ति व अधिक कमाई के लालच में अब ये रेत माफिया मरघट में 2 गज जमीन में चैन से सो रहे मुर्दों के भी आराम में खलल डाल रहे हैं

कोरबा। शहर सहित जिले में रेत माफियाओं का बोलबाला बढ़ता ही जा रहा है। अपने स्वार्थ की पूर्ति व अधिक कमाई के लालच में अब ये रेत माफिया मरघट में 2 गज जमीन में चैन से सो रहे मुर्दों के भी आराम में खलल डाल रहे हैं।
ताजातरीन मामला कोरबा-बालको मार्ग पर ढेंगुरनाला मुक्तिधाम में सामने आया है। ढेंगुरनाला मुक्तिधाम में ढेंगुरनाला बस्ती के अलावा आसपास के सीएसईबी कॉलोनी, पथर्रीपारा, बुधवारी, काशीनगर के लोग मृत्यु उपरांत शव को दफन करते व जलाते हैं।
पिछले 40-50 वर्षों से यह मुक्तिधाम कई मुर्दों का आरामगाह बना हुआ है। लोगों की भावनाएं भी अपने पूर्वजों को दफन करने के बाद से इस मुक्तिधाम से जुड़ जाती हैं। मानिकपुरी पनिका समाज के लोग भी मृत्यु उपरांत शव को दफन करते हैं और उसके ऊपर विधिपूर्वक मठ का निर्माण कराते हैं व समय-समय पर यहां श्रद्धांजलि देने परिजन पहुंचते हैं।
बीते कुछ दिनों से इस मुक्तिधाम में राखड़ व रेत खनन में लगे माफियाओं का इस कदर बोलबाला हो गया है कि वेे मुर्दों को भी चैन से सोने नहीं दे रहे हैं। इन माफियाओं के कारण व भारी वाहनों की जद में आकर एवं रेत व राखड़ खनन के दौरान मठ क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
जमीन के नीचे दफन शवों की अस्थियां खोदने से बाहर निकल आई हैं व इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं। मठों के टूटने, क्षतिग्रस्त होने से उनके परिजनों की भावनाएं आहत हुई हैं। ऐसे रेत खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर युवा मानिकपुरी पनिका समिति द्वारा आज कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
बड़ी संख्या में पहुंचे समाज के लोगों ने इस घटना को दु:खद बताते हुए कहा है कि उनके पूर्वजों के सम्मान एवं उनसे जुड़ी भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है।
शिकायत के बाद रामपुर पुलिस चौकी प्रभारी सहित स्टाफ ने समिति के लोगों के साथ ढेंगुरनाला मुक्तिधाम पहुंचकर स्थल अवलोकन किया व कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। साथ ही आश्वस्त किया गया है कि इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी। देखना यह है कि ढेंगुरनाला के अलावा और भी दूसरे जिन मरघटों को रेत माफिया खोद रहे हैं वहां भी प्रशासन संज्ञान लेता है या नहीं, रेत माफियाओं के इस तरह के अनुचित कार्यों पर रोक लग पाती है या नहीं?


