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अमावस्या पर्व पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

जनपद बुलंदशहर डिवाई तहसील क्षेत्र में ऋषि मुनियों की तपस्थली कहे जाने वाले कर्णवास राजघाट नरौरा गंगा मे अमावस्या पर जनपद तथा गैर जनपद के दूर दराज क्षेत्रों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हर हर गंगे के उद्घोष के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाई

अमावस्या पर्व पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
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- सुरेन्द्र सिंह भाटी

बुलंदशहर। जनपद बुलंदशहर डिवाई तहसील क्षेत्र में ऋषि मुनियों की तपस्थली कहे जाने वाले कर्णवास राजघाट नरौरा गंगा मे अमावस्या पर जनपद तथा गैर जनपद के दूर दराज क्षेत्रों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हर हर गंगे के उद्घोष के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।

राजघाट गंगा घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं ने स्नान किया और साथ ही दान पुण्य किया पक्के घाट पर और घंटाघर बाजार में बांके बिहारी घाट पर भी श्रद्धालुओं का सिलसिला जारी रहा।

नरौरा के बांसी घाट गांधी घाट पर ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसके बाद गंगा स्नानार्थियों ने पुरोहितों से विभिन्न अनुष्ठान करने के बाद गरीबों और साधु-संतों को भोजन वस्त्र आदि दान देकर पुण्य लाभ अर्जित किया।

पतित पावनी मोक्ष दायिनी मां गंगा में स्नान करने के लिए श्रद्धालु अलीगढ़ हाथरस बुलंदशहर फिरोजाबाद आगरा सासनी राजस्थान आदि से पहुंचते हैं। गुरुवार को क्षेत्र की ऐतिहासिक तीर्थ स्थली कहीं जाने वाली कर्णवास गंगा में अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त होते ही हर हर गंगे के जयकारों के बीच बाजार घाट देवत्रय घाट पर गंगा स्नान का सिलसिला शुरू हो गया।

गंगा स्नान के बाद परिवार सहित आए श्रद्धालुओं ने पुरोहितों से हवन यगोपवित आदि संस्कार कराए। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद वेदांत मंदिर में दर्शन किए।
माना जाता है कि अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर ब्राह्मण एवं गरीबों को भोजन कराने से पितृ तृप्त होते हैं एवं दान देने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।


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