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रघुवर सरकार में भ्रष्टाचार की नीयत से ही चलाए गए विकास कार्यक्रम : सरयू

भाजपा अध्यक्ष श्री शाह पिछले पांच वर्षों में झारखंड के विकास की असलियत पता करें तब इस बारे में मीडिया में बोलें।

रघुवर सरकार में भ्रष्टाचार की नीयत से ही चलाए गए विकास कार्यक्रम : सरयू
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रांची। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बागी होकर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में धूल चटाने वाले विधायक सरयू राय ने एक बार फिर झारखंड की पूर्ववर्ती रघुवर सरकार पर हमला बोला और कहा कि राज्य में पिछले पांच साल में भ्रष्टाचार की नीयत से ही विकास के कार्यक्रम चलाए गए।

पूर्व मंत्री श्री राय ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित करते हुए ट्वीट किया, “भाजपा अध्यक्ष श्री शाह पिछले पांच वर्षों में झारखंड के विकास की असलियत पता करें तब इस बारे में मीडिया में बोलें। इन दिनों यहां केवल विकास कार्यक्रमों को लागू करने में ही भ्रष्टाचार नहीं हुये है बल्कि भ्रष्टाचार करने की नीयत से ही विकास कार्यक्रम चलाये गये हैं। अपने लोगों से ही पूछ लें।”

श्री राय ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या श्री शाह को पता नहीं था कि झारखंड सरकार के 30 विभागों में से उनके लाडले मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 16 विभाग अपने पास रखे थे, जिनमें बड़े और मलाईदार कहे जाने वाले सभी विभाग शामिल थे। उन्होंने कहा कि श्री दास ने संविधान को ताक पर रखकर 11 में से एक मंत्री का पद पांच वर्ष तक खाली रखा क्यों।

विधायक ने ताबड़तोड़ किए गए तीसरे ट्वीट में कहा, “श्री शाह को खुलासा करना चाहिये कि पिछले पांच वर्षों तक झारखंड में सरकार और संगठन की खस्ताहाल के बारे में उन्हें कौन गुमराह करते रहा और मुझे नुकसान पहुंचाने के षड्यंत्र में भाजपा को ही गर्त में पहुंचा दिया। वर्ष 2009 में भी ऐसा ही हुआ था तब तो सबक नहीं लिया, अब तो चेतिये।”

गौरतलब है कि भाजपा के बागी नेता सरयू राय इस बार के विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को 15833 मतों से पराजित करने के बाद से भाजपा सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। चुनाव परिणाम के बाद श्री राय ने राज्य की कार्यवाहक रघुवर दास सरकार पर कई विभाग की महत्वपूर्ण फाइलों को जलाए जाने का आरोप लगाया था।

श्री राय ने पिछले वर्ष 26 दिसंबर को राज्य के मुख्य सचिव डॉ. डी. के. तिवारी को लिखे पत्र में कहा, “मेरे विश्वसनीय सूत्रों ने मुझे बताया है कि अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) और विशेष शाख में औपचारिक और अनौपचारिक रूप से आती रही शिकायतों से संबंधित फाइलों में से चुन-चुन कर फाड़े और जलाए जा रहे हैं। अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) और विशेष शाखा के साथ ही फाइलों को फाड़ने और जलाए जाने का सिलसिला पथ निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग और गृह विभाग में भी चल रहा है।”

इसके अगले ही दिन श्री राय ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास से पद छोड़ने से पहले राज्य सरकार की वर्तमान आर्थिक स्थिति पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग कर दी। उन्होंने कहा था कि वस्तुस्थिति यह है कि फिलहाल राज्य सरकार का खजाना पूरी तरह से खाली हो गया है और रोजाना की खर्चों की भरपाई करने के लिए वित्त विभाग को धन जुटाना मुश्किल हो रहा है। राज्य के कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है और हजारों करोड़ रुपए का भुगतान रुका हुआ है। उन्होंने कहा था कि आने वाली हेमंत सरकार को रघुवर सरकार एक दिवालिया अर्थव्यवस्था सौंप रही है।

विधायक ने यह भी कहा था कहा कि इस वर्ष रघुवर सरकार ने 80 हजार करोड़ रुपये का बजट बनाया था जबकि उसकी क्षमता 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की नहीं थी। इसी तरह 44 हजार करोड़ रुपए का योजना बजट बना, कुछ महीनों के बाद इसे घटाकर 33 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया। वस्तुस्थिति यह है कि 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक योजना मद में खर्च नहीं हो सकेगा। जो खर्च नहीं हो रहा है, उसे पीएल अकाउंट में जमा दिखाकर खर्च बता दिया जा रहा है।


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