पूर्वोत्तर का विकास सरकार की प्राथमिकता : डॉ. सिंह
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है

वाराणसी। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है तथा इसके लिए हर स्तर पर सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आईआईटी परिसर में आयोजित चार दिवसीय “डेस्टीनेशन नार्थ ईस्ट” समारोह का उद्घाटन करते हुए उन्होने कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद से ही पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में रहा है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री के तौर पर श्री मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र का तीस से अधिक बार दौरा किया और क्षेत्र में तेज गति से विकास हो रहे हैं।
डॉ. सिंह ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से संपर्क बढ़ाने के लिए रेल, सड़क मार्ग और हवाई मार्ग के क्षेत्र में कई पहल किए गए हैं। पूर्वोत्तर भारत के विकास माडल जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख सहित देश के अन्य हिस्सों के विकास के लिए एक संदर्भ बिंदू की तरह विकसित हो गया है। इस वाराणसी में पहली बार आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य शेष भारत को पूर्वोत्तर के समीप लाना और उन्हें पूर्वोत्तर क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति का अनुभव कराना है।
उन्होंने कहा कि आज से वाराणसी में शुरू हुआ चार दिवसीय आयोजन गंगा और ब्रह्मपुत्र की दो समृद्ध संस्कृतियों का ‘फ्यूजन’ प्रदान करेगा। वाराणसी खुद सांस्कृतिक रूप से समृद्ध रहा है और इसलिए गंगा के तट पर ‘ब्रह्मपुत्र उत्सव’ का चयन किया गया है। इससे लोग भारत की सांस्कृतिक विविधता से रूबरू होंगे। साथ ही पूरे भारत के लोगों को पूर्वोत्तर भारत को समझने में मदद मिलेगी। 26 नवम्बर तक आयोजित इस समारोह में पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी आठ राज्य अपने-अपने हस्तशिल्प, हथकरघा, जैविक उत्पादों और सांस्कृतिक दलों के साथ भागीदारी कर रहे हैं। वाराणसी में “डेस्टीनेशन नार्थ ईस्ट” समारोह में एक बांस पैवेलियन की स्थापना की गई है।


