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देवेगौड़ा ने देश के राजनेताओं का आह्वान किया

एच डी देवेगौड़ा ने देश के राजनेताओं का आज आह्वान किया कि वे अपने अंतरतम में झाँकें और स्वयं को ‘सांप्रदायिकता मुक्त भारत’ के निर्माण तथा गरीबी और भुखमरी की उन वजहों को मिटाने के लिए खुद को समर्पित करे

देवेगौड़ा ने देश के राजनेताओं का आह्वान किया
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नयी दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने देश के राजनेताओं का आज आह्वान किया कि वे अपने अंतरतम में झाँकें और स्वयं को ‘सांप्रदायिकता मुक्त भारत’ के निर्माण तथा गरीबी और भुखमरी की उन वजहों को मिटाने के लिए खुद को समर्पित करें, जिनके कारण लोग आत्महत्या करते हैं।

लोकसभा में ‘अंग्रेज़ो भारत छोड़ो आंदोलन’ की 75वीं वर्षगाँठ पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए देवैगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण और समाचार पत्रों में दिये गये विज्ञापन में व्यक्त किये गये विचारों के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।

उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि वह भारत छोड़ो आंदोलन के वक्त स्कूल में पढ़ते थे और तब उस आंदोलन में सम्मिलित होने में असमर्थ थे। उनका राजनीतिक जीवन 1962 से शुरू हुआ, जब वह विधायक चुने गये।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण एवं विभिन्न समाचार पत्रों में जो विचार व्यक्त किये हैं, उनसे वह पूरी तरह से सहमत हैं और उनका समर्थन करते हैं। लेकिन आज हम सबको अंतरतम में झाँक कर विचार करना चाहिये कि हम जो शपथ लेते हैं, उस पर कितना खरा उतरते हैं। सदन में विभिन्न मुद्दे उठाये गये हैं लेकिन मुख्य बात यह है कि हम सभी प्रकार के मतभेदों से ऊपर उठ कर देश को आगे ले जाने के लिये कितने संकल्पबद्ध हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब एक सांप्रदायिकता मुक्त भारत बनाने के लिये समर्पित हों। हमें याद करना चाहिये कि गत 70 वर्षों में कितने लोग आत्महत्या कर चुके हैं। गरीबी , भुखमरी आदि उन कारणों को मिटाना है जिनके कारण लोगों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि पं जवाहरलाल नेहरू ने, भारत कैसा बनाया जाये, इस पर प्रस्ताव इसी सदन में पेश किया था और सरदार पटेल आदि ने उसका समर्थन किया था।


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