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डाटर्स आर प्रीसियस अभियान जागरूकता का पर्याय बन रहा

 राजस्थान में बेटियों को बचाने की दिशा में डाटर्स आर प्रीसियम अभियान जागरूकता का पर्याय बन रहा है

डाटर्स आर प्रीसियस अभियान जागरूकता का पर्याय बन रहा
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जयपुर। राजस्थान में बेटियों को बचाने की दिशा में डाटर्स आर प्रीसियस अभियान जागरूकता का पर्याय बन रहा है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक (एनएचएम) नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश में बेटी बचाने के लिए किये जा रहे समन्वित प्रयासों के सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं।

भ्रूण लिंग चयन एवं भ्रूण हत्या को रोकने के लिये पीसीपीएनडीटी एक्ट की प्रभावी क्रियान्विति में प्रदेश देशभऱ में आदर्श स्थापित कर रहा है। इसी के साथ ही आमजन की सोच में बदलाव एवं युवाओं को इस मुद्दे से जोड़ने के लिये डाटर्स आर प्रीसियस अभियान भी अब जागरुकता का पर्याय बनता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि गत 17 मार्च को नई दिल्ली में डाटर्स आैर प्रीसियस को राष्ट्र स्तरीय प्लेटीनम स्काच अवार्ड मिला था।

उन्होंने बताया कि इस अभियान को एक वर्ष पूर्ण हो गया है। इस अभियान को विभिन्न महाविद्यालयों में संचालित कर युवाओं को विशेष रूप से बेटी बचाओ अभियान से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में बेटियां अनमोल है सम्बन्धित आडियो वीडियो फिल्म पावर प्वाइंट प्रजटेंशन, प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम, नुक्कड नाटक द्वारा बेटियां अनमोल है विषय की प्रस्तुति की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक कालेज सेमीनार के माध्यम से एक लाख से ज्यादा युवाओं को जागरूक किया जा चुका है। सोशयल साईट्स पर भी युवाओं का जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है।

जैन ने बताया कि राज्य में अब तक 89 डिकाय आपरेशन कर भ्रूण लिंग चयन एवं भ्रूण हत्या में लिप्त लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि 21 बार दूसरे राज्यों में जाकर डिकाय कार्यवाही की गयी है। उन्होंने बताया कि राजस्थान द्वारा की गई अभिनव पहल में सीमावर्ती राज्यों के साथ इंटरस्टेट वर्कशाप्स एवं कान्फ्रेंस के आयोजन किये गये हैं। इससे अन्तर्राज्यीय डिकाय कार्यवाहियों को काफी बल मिला है।

उन्होंने बताया कि भ्रूण लिंग जांच के संबंध में मुखबीर योजना के तहत सत्य सूचना पर ढाई लाख रुपये तक का इनाम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप राजस्थान में बेटी बचाओ अभियान को विशेष गति मिली है एवं राज्य का बाल लिंगानुपात निरन्तर सुधर रहा है। उन्होंने बताया कि जन्म पर लिंगानुपात बढ़कर अब 939 हो गया है।


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