राहत की घोषणा के बावजूद मजदूरों का पलायन जारी
लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे मजदूरों को उनके घरों को भेजने की सरकार की घोषणा के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी से गुरुवार को भी इनका (प्रवासी मजदूरों का) पलायन जारी रहा।

नयी दिल्ली। लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे मजदूरों को उनके घरों को भेजने की सरकार की घोषणा के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी से गुरुवार को भी इनका (प्रवासी मजदूरों का) पलायन जारी रहा।
दिल्ली में एक दशक से अधिक से ट्रकों पर माल चढ़ने और उतारने का काम कर रहे इन मजदूरों को सरकारी घोषणा प्रभावित नहीं कर सकी और यहां बने रहने का उनका धैर्ये आज सुबह टूट गया जिसके बाद वे साइकिल से बिहार की यात्रा पर निकल पड़े।
दिल्ली के शालीमार बाग से छह मजदूरों का यह जत्था अहले सुबह पुलिस से आंख बचते हुए वजिराबाद-गाजियाबाद के रास्ते से दिल्ली की सीमा पार करने की ओर बढ़ रहा था। पुलिस से भयभीत शालीमार गार्डन के पास छांव में आराम कर रहे इन मजदूरों ने बताया कि वे बिहार के बक्सर जाना चाहते हैं लेकिन पुलिस उन्हें रोक रही है।
पिछले पंद्रह साल से राजधानी में मोटिया का काम कर रहे राजभर और त्रिलोकी ने बताया कि एक माह से अधिक से वे लॉक डाउन समाप्त करने का इंतजार कर रहे थे लेकिन यह बढ़ता ही जा रहा है और अब आगे इसके बढ़ने की संभावना है। उनके पास पैसे समाप्त हो गए हैं और मकान मालिक किराया चुकाने के लिए बार बार दबाव बना रहा था।
मजदूरों ने बताया कि उन्हें जो भोजन दिया जा रहा है वह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वे मेहनत मजदूरी करना चाहते हैं लेकिन कहीं काम करने की अनुमति नहीं है। घर के लोगों का भी वापस लौटने के लिए दबाव है ऐसे में उनके पास घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
इन मजदूरों को सुबह की सैर कर रहे लोगों ने कहा कि अब सरकार ने उनके घर लौटने का रास्ता साफ कर दिया है और उसे इंतजार करना चाहिए । मजदूरों की यह टोली लोगों को कोई जवाब दिए बिना आगे बढ़ गई।
साइकिल पर पानी पीने का बर्तन और घरेलू उपयोग का कुछ अन्य समान लादे इन युवा मजदूरों ने बताया कि घर पर भी बहुत सा काम है। रबी फसलों की कटनी चल रही है और खरीफ की फसल लगाई जानी है। सुना है कि मनरेगा का काम भी शुरु हो रहा है ऐसे में कुछ दिन गांव में ही रहना ज्यादा बेहतर है।
यह पूछे जाने पर कि वे कब तक अपने काम पर वापस आयेंगे तो उन्होंने कहा कि दो तीन माह में काम शुरु होने का अंदाज़ है। वैसे उनके साथ काम करनेवाले साथी अब भी दिल्ली में हैं, वे जब काम मिलने की जानकारी देंगे तब वे लौट आयेंगे ।
केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लॉकडाउन की वजह से जगह-जगह फंसे मजदूरों तथा अन्य लोगों को कुछ शर्तों के साथ अपने घर लौटने की अनुमति दे दी है।


