Top
Begin typing your search above and press return to search.

करोड़ों फूंके फिर भी गंगा की हालत खराब ही हुई गंगा प्रेमी

राजघाट पर बुधवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, स्वामी अग्निवेश, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक सहित अनेक गंगा प्रेमी जमा हुए

करोड़ों फूंके फिर भी गंगा की हालत खराब ही हुई गंगा प्रेमी
X

नई दिल्ली। गंगा की निर्मलता और अविरलता का वादा केंद्र सरकार द्वारा पूरा न किए जाने के विरोध में आमरण अनशन पर हरिद्वार में बैठे प्रोफेसर जी डी अग्रवाल (ज्ञान स्वरुप सानंद) को जोर जबरदस्ती से अस्पताल में भर्ती कराए जाने के विरोध में गंगा प्रेमियों ने बुधवार को राजघाट पर राष्ट्रीय गंगा सत्याग्रह किया। इस मौके पर सभी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि गंगा की सफाई, अविरलता और प्रदूषण मुक्ति के नाम पर करोड़ों रुपये फूंक दिए गए, मगर गंगा नदी की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ती जा रही है। राजघाट पर बुधवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, स्वामी अग्निवेश, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक सहित अनेक गंगा प्रेमी जमा हुए। सभी ने एक स्वर में डा अग्रवाल को जबरदस्ती उठाकर अस्पताल में भर्ती कराए जाने की निंदा की, साथ ही कहा कि अग्रवाल जिन मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं, उन्हें पूरा किया जाना चाहिए।

इस मौके पर राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गंगा ने मुझे बुलाया है, उनकी इस बात पर भरोसा करके हम लोगों ने तब आंदोलन को स्थगित कर दिया था, मगर चार वर्ष बाद भी उस वादे पर अमल नहीं हुआ, गंगा की हालत और बिगड़ गई। प्रो अग्रवाल अपनी मांगों को लेकर 20 दिन से आमरण अनशन पर बैठे तो उन्हें जबरन उठाकर अस्पताल भेज दिया, यह तानाशाही है। इससे लगता है कि वर्तमान की केंद्र सरकार गंगा के प्रति असंवेदनशील है।

सिंह ने हरीश रावत, स्वामी अग्निवेश की मौजूदगी में कहा कि पुरानी सरकार ने वर्ष 2011 में बांध बन रहे थे तो उन्हें रद्द किया था, अब जो इसी तरह के बांध बन रहे हैं, उसे बंद कराना है। गंगा की प्रदूषणनाशी शक्ति खत्म हो गई है, उसे पुनर्जीवित करने के लिए एक गंगा संरक्षण और प्रबंधन कानून बनाने की जरूरत है। आनंद का कहना है कि पुरानी सरकार ने गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया था, उसका प्रोटोकॉल होता है, इसके लिए कानून बनाने की जरूरत है।

सिंह ने आगे कहा कि बीते पांच सात साल में जो एक्शन प्लान बनाया था उसे गंगा के दोनों मंत्रियों ने पढ़ा तक नहीं, प्रधानमंत्री ने इस पर ध्यान दिया नहीं। गंगा पर बनने वाले सभी बांधों को रद्द किया जाए।

इस मौके पर सभी वक्ताओं ने गंगा की स्थिति पर चिंता जताई साथ ही कहा कि गंगा नदी के लिए करोड़ों का प्रावधान किया गया है, उसमें से राशि का बड़ा हिस्सा खर्च हो चुका है। अफसोस की बात है कि गंगा की हालत सुधरने की बजाय और खराब हो गई है। प्रदूषण बढ़ रहा है, अविरलता कम हो रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it