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वृक्षों की अवैध कटाई के लिए डिप्टी रेंजर जिम्मेदार, किया गया निलंबित

कटघोरा वनमंडल के लालपुर बीट में जंगल से इमारती महत्व के वृक्षों की बिना अनुमति अवैध कटाई के मामले में प्रारंभिक जांच पूरी हो गई है

वृक्षों की अवैध कटाई के लिए डिप्टी रेंजर जिम्मेदार, किया गया निलंबित
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कोरबा। कटघोरा वनमंडल के लालपुर बीट में जंगल से इमारती महत्व के वृक्षों की बिना अनुमति अवैध कटाई के मामले में प्रारंभिक जांच पूरी हो गई है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर यहां के परिक्षेत्र सहायक (डिप्टी रेंजर) को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में जांच अभी भी जारी है ,आगामी दिनों में एफआईआर व वसूली के संकेत भी दिए गए हैं। इस कार्रवाई से वृक्षों की तस्करी में लिप्त वन कर्मियों सहित उनसे जुड़े लोगों में हड़कंप मच गयी है ।

याद रहे कटघोरा वनमंडल के कोरबी सर्किल के अंतर्गत बीट कोईलारगडरा लालपुर के जंगल से बिना किसी वैधानिक अनुमति अथवा आदेश के दर्जनों इमारती वृक्षों की बेखौफ तरीके से कटाई कराकर उसकी तस्करी का सनसनीखेज मामला देशबन्धु ने अपने पिछले अंक में उजागर किया था। मामला सुर्खियों में आने के बाद वन विभाग द्वारा जांच शुरु की गई।

कटघोरा डीएफओ एस. जगदीशन के निर्देश पर एसडीओ वन श्रीमती प्रेमलता यादव के नेतृत्व में उडनदस्ता दल सहित जांच दल ने मौका मुआयना के बाद जांच प्रतिवेदन सौंपा। प्रारंभिक जांच में साल व अन्य इमारती वृक्षों की अवैध कटाई कराना पाया गया। इस अवैध कटाई के लिए परिक्षेत्र सहायकअरुण कुमार पाण्डेय को प्राथमिक तौर पर जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उनके द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण ऐसा अवैध कृत्य होना पाया गया है।

एसडीओ ने बताया कि मामले में अभी जांच चल ही रही है। इमारती वृक्षों को जंगल में काट कर वहीं चट्टा बनाकर किसे तस्करी किया गया है, कौन व्यापारी शामिल है? इसकी छानबीन के साथ ही मुखबिरों द्वारा उक्त लोगों का पता लगाया जा रहा है। पूरी जांच रिपोर्ट आने एवं काटे गए वृक्षों के अवशेष को जप्त करने की कार्रवाई की जानी है ।

काटे गए वृक्षों में से कितने के अवशेष बरामद होते हैं और इसके बाद जो अवशेष बरामद होने से बचेंगे ,उनके कीमत की वसूली जिम्मेदार लोगों से की जाएगी। फिलहाल अरुण कुमार पाण्डेय को सहायक परिक्षेत्र अधिकारी से निलंबित कर आगामी आदेश तक के लिए ऐतमानगर परिक्षेत्र में पदस्थ किया गया है। मामले में रेंजर प्रहलाद यादव की भूमिका की जांच जारी होना बताया गया है।

उल्लेखनीय है कि बड़े पैमाने पर साल व ईमारती वृक्षों को कटवाकर मौके पर ही आरा से छंटाई कराते हुए चट्टा बनाकर जंगल से बाहर तस्करी करने का सनसनीखेज खुलासा के बाद जांच में 55 नग ठूँठ व साल वृक्ष का लठ्ठा जांच दल ने मौके से जप्त किया है। जप्त लठ्ठों की कीमत करीब दो लाख रूपये बताई गयी है।

हम आपको बता दें कि इस गड़बड़झाले की भनक के बाद संयुक्त वन प्रबंधन समिति लालपुर के अध्यक्ष दिलबोध, कोईलारगडरा समिति के अध्यक्ष लैन सिंह, बैशाखू, धनीराम, संतराम, बंधन, करण ने बिलासपुर पहुंचकर मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त (सीसीएफ) से मुलाकात की।

इन्होंने लिखित शिकायत में बताया था कि कोरबी सर्किल बीट में मार्च 2018 में रेंजर प्रहलाद यादव केंदई (मोरगा) एवं डिप्टी रेंजर अरूण पाण्डेय केरबी के सांठ-गांठ से बिगड़े वनों का सुधार एवं जलाऊ कूप कटाई के नाम पर धड़ल्ले से सैकड़ों विशालकाय साल वृक्ष को काटकर बलि दे दी गई है। वहां से चोरी-छिपे लकड़ी परिवहन करने आया ट्रक चालक ट्रक लेकर भाग निकला।

डीएफओ को जानकारी होने पर उडऩदस्ता टीम मौके पर भेजा गया। टीम ने कूप क्र. पी/336, पी/337 में अवैध कटाई कर रखे 55 नग साल का ला एवं 31 नग ठूंठ पाया।

पंचनामा में ग्रामवासी धनीराम बिंझया एवं संतोष कुमार ने बताया था कि अवैध कटाई के ले लगभग एक गाड़ी 12 घन मीटर एवं दो गाड़ी जलाऊ लकड़ी करीबन 27 लकड़ी के चट्टे को अवैध रूप से परिवहन कर किसी अन्यत्र स्थान पर ले जाकर बेच दिया गया है। वन प्रबंधन समिति ने रेंजर प्रहलाद यादव एवं डिप्टी रेंजर अरूण पाण्डेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर संबंधित अन्य कर्मचारियों पर उचित कार्रवाई की मांग की थी।


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