उप के अर्थशास्त्रियों ने बताया ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाला बजट
देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में शनिवार को आम बजट पेश किया

लखनऊ। देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में शनिवार को आम बजट पेश किया। उत्तर प्रदेश के अथशास्त्रियों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे कृषि सुधार और ग्रामीण अर्थव्यस्था को आगे बढ़ाने वाला बताया है। इसके आगे अच्छे परिणाम की संभावना जताई है। लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ.एम.के. अग्रवाल ने कहा कि यह बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पशुधन को फोकस करके बनाया गया है। इसमें कृषि सुधार की दिशा में यह काफी महत्वपूर्ण हो सकता है।
आर्थिक विकास के मामले में बेहतर साबित हो सकता है। इसे वह वित्तीय घाटे और राजस्व घाटे के बढ़ते आकार के रूप में देख रहे हैं।
अग्रवाल ने बताया कि बजट में चीजें काफी बदल रही है। सुस्ती के कारण खर्चा बढ़ाया गया है। पूंजी का अपव्यय थोड़ा कम किया गया है। मुख्यरूप से कृषि और स्वास्थ्य पर भी फोकस है। यह बजट आगे बढ़ाने वाला है। कृषि को नए तरीके से उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
विद्यांत हिंदू पीजी कॉलेज अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ़ आऱ के. मिश्रा ने इस बजट को ग्रामीण एग्रीकल्चर के लिए 16 प्वाइंट दिए। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को बहुत राहत मिलेगी। कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने का प्रयास बजट में दिख रहा है। दुग्ध और मछली उत्पादन को आगे बढ़ाने वाली बाते बजट में है। हालांकि मिडिल इनकम ग्रुप में कोई राहत नहीं है। इससे निराशा है। पुराने और नए टैक्स स्ट्रक्च र वाली बातें असमंजस की स्थिति में है। इस बजट में ग्राम्य विकास और अवस्थापना पर ज्यादा फोकस किया गया है, जो विकास की गति को तेज करने की दिशा में अच्छा प्रयास है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर डॉ़ अरविंद मोहन ने इस बजट को सुधारवादी बताया है। उन्होंने कहा कि इसके दूरगामी परिणाम बहुत अच्छे होंगे। इस बजट में किसान और खाद्यान्न दोंनो की बराबर चिंता की गई है। इससे देश को बहुत फायदा होगा। खासकर किसानों के लिए बहुत उपयोगी बजट है।


