खण्ड वर्षा की स्थिति से अकाल की गहराई छाया
खण्ड वर्षा व कम बारिश के चलते इनदिनों किसान अकाल की संभावना से सशंकित है
जांजगीर। खण्ड वर्षा व कम बारिश के चलते इनदिनों किसान अकाल की संभावना से सशंकित है। खासकर वे किसान जिनके खेतों के लिए सिंचाई सुविधा नहीं है, जो मानसून की बारिश पर ही पूरी तरह निर्भर है। ऐसे किसानों की स्थिति बेहद चिंतनीय बनी हुई है।
इधर राज्य सरकार द्वारा आज मंत्री परिषद की बैठक में सूखे की स्थिति को देखते हुये लिए महत्वपूर्ण निर्णय के तहत जिले के बलौदा, अकलतरा, जैजैपुर व डभरा को सूखाग्रस्त तहसील की सूची में शामिल किया गया है। जिससे किसानों को थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि तहसील स्तर पर सूखा घोषित किये जाने से उन तहसीलों के कुछ क्षेत्र के ऐसे किसान जहां सिंचाई सुविधा भी नहीं है और उनकी फसल कम बारिश से प्रभावित हो रही है। उनके लिए राहत फिलहाल नहीं दिख रहा है।
मंत्री परिषद के निर्णय के तहत खरीफ फसल 2017 के बारे में जिला कलेक्टरों से प्राप्त नजरी आंकलन के अनुसार जिले के चार तहसील अकलतरा, बलौदा, जैजैपुर व डभरा को सूखा ग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा भी अन्य तहसीलों के कई गांव की फसल बारिश की कमी से प्रभावित है। जहां नहर के अंतिम छोर होने की वजह से खेतों तक पानी पहुंच पाने में मुश्किलें आ रही है। इस दिशा में लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर जिला प्रशासन जल संसाधन विभाग को निरंतर मानिटरिंग का निर्देश दे रही है। बावजूद इसके इन क्षेत्रों के किसान पानी के लिए मशक्कत कर रहे है।
उधर राज्य शासन द्वारा सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रोजगारमूलक राहत कार्य जल्द शुरू किए जाने को मंजूरी दी है। खासकर मनरेगा के तहत नाला बंधान कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। सिंचाई नलकूपों को बाधारहित बिजली देने के लिए ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए गए। प्रत्येक परिवार को मनरेगा के तहत 100 दिन के बजाय 200 दिन का रोजगार दिलाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा। राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी 6-4) के प्रावधानों के अनुसार फसल क्षति हेतु अनुदान सहायता वास्तविक अनावारी रिपोर्ट आने पर दी जाएगी।
सूखा प्रभावित क्षेत्र को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा राशि दिलायी जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में हर जरूरतमंद व्यक्ति के लिए कम से कम क्विंटल चावल सुरक्षित रखा जाएगा। सूखा प्रभावित तहसीलों में भू-राजस्व को माफ करने का निर्णय लिया गया। प्रभावित तहसीलों में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रभावित तहसीलों में बीज और डीजल अनुदान के लिए भारत सरकार के कृषि मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ग्रीष्मकालीन धान की खेती के लिए नलकूपों से सिंचाई पूरी तरह प्रतिबंधित की जाएगी।
जिले में अब तक 762.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज
चालू मानसून सत्र के दौरान जिले में विगत 1 जून से 12 सितम्बर तक औसत वर्षा 762.4 मिमी दर्ज की गई है। जिले में सबसे ज्यादा मालखरौदा तहसील में 946.3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील चांपा में 948 मिमी, जांजगीर में 893.7 मिमी, नवागढ़ में 880.5 मिमी, पामगढ़ में 877 मिमी, बलौदा 754.5 मिमी, डभरा 688 मिमी, अकलतरा 651.1 मिमी, सक्ती 604.6 मिमी और जैजैपुर में 380.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।


