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छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में 5 के खिलाफ विभागीय जांच

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में छात्रा के साथ सनसनीखेज सामूहिक दुष्कर्म के मामले में लापरवाही बरतने पर आज पुलिस मुख्यालय से तीन थाना प्रभारियों और दो एसआई के खिलाफ संयुक्त विभागीय जांच के आदेश दिए गए

छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में 5 के खिलाफ विभागीय जांच
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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में छात्रा के साथ सनसनीखेज सामूहिक दुष्कर्म के मामले में लापरवाही बरतने पर आज पुलिस मुख्यालय से तीन थाना प्रभारियों और दो उप निरीक्षकों (एसआई) के खिलाफ संयुक्त विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। एक नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) मकरंद देउस्कर ने आज मीडिया को बताया कि सीएसपी कुलवंत सिंह को नोटिस जारी किया गया है। तीन थाना प्रभारी संजय सिंह बैस, रवींद्र यादव, मोहित सक्सेना और दो एसआई आर एन टेकाम एवं भवानीप्रसाद उइके को विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट पर चार्जशीट दी गई है।

मामले की जांच के लिए महिला अपराध शाखा के डीआईजी सुधीर लाड के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्राथमिकी में देरी के लिए जिम्मेदार अफसरों की भूमिका की जांच की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही सीएसपी को कारण बताओ नोटिस और अन्य लोगों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। एसआईटी ने थाना प्रभारियों, एसआई, सीएसपी, एएसपी आदि अफसरों के बयान दर्ज किए थे।

एमपी नगर सीएसपी कुलवंत सिंह और थाना प्रभारी संजय सिंह बैस को स्टाफ पर नियंत्रण नहीं होने का जिम्मेदार माना गया है। यदि उनका स्टाफ पर नियंत्रण होता तो एसआई टेकाम उन्हें गंभीर घटना की सूचना तत्काल देता। हबीबगंज थाना प्रभारी रवींद्र यादव ने जीरो पर प्राथमिकी नहीं की। वे पीड़िता को लेकर चार घंटे घटनास्थल और सीमा विवाद में उलझे रहे। अफसरों को बताया कि जीरो पर एफआईआर दर्ज हो गई है, लेकिन असलियत कुछ और थी। जीआरपी के थाना प्रभारी मोहित सक्सेना और एसआई भवानी प्रसाद उइके को पीड़िता से खराब व्यवहार और प्राथमिकी करने से मना करने का दोषी पाया गया है।

भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के आउटर पर कोचिंग से लौट रही 19 वर्षीय छात्रा के साथ 31 अक्टूबर की शाम साढ़े सात बजे से लगभग तीन घंटे तक चार दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। मामला दर्ज कराने के लिए पीड़िता को अपने पुलिसकर्मी परिजन के साथ कई थानों में भटकना पड़ा था। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के पश्चात प्रकरण दर्ज हुआ था।

मामले के तूल पकड़ने पर तीनों थाना प्रभारी और दोनों उप निरीक्षकों को निलंबित किया गया था। भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक, रेल पुलिस अधीक्षक और सीएसपी कुलवंत सिंह को उनके पदों से हटा दिया गया था।


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