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उत्तराखंड में डेंगू ने लिया महामारी का रूप

उत्तराखंड में डेंगू ने महामारी का रूप लेते हुए पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस समय राज्य में डेंगू का सरकारी आंकड़ा 1788 तक जा पहुंचा है

उत्तराखंड में डेंगू ने लिया महामारी का रूप
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देहरादून। उत्तराखंड में डेंगू ने महामारी का रूप लेते हुए पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस समय राज्य में डेंगू का सरकारी आंकड़ा 1788 तक जा पहुंचा है। दूसरी और अगर निजी अस्पतालों को जोड़ कर देखा जाए तो पूरे राज्य में इस समय डेंगू के रोगियों की संख्या 3000 से ज्यादा ही है जबकि देहरादून में अभी तक डेंगू से चार लोगों की मौत हो चुकी है ।

हालांकि कुछ और मौतें भी हुई हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग का उनपर अभी भी संशय बना हुआ है। हालात लगातार काबू से बाहर होते जा रहे हैं ऐसे में खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को डेंगू की रोकथाम के लिए सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये स्वास्थ्य विभाग और सभी जिलाधिकारियों को सतर्कता और समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए और सचिवालय में स्वास्थ्य महकमे और आपदा प्रबंधन के साथ एक लंबी बैठक भी की।

राज्य में लगातार डेंगू के मरीजों की तादाद बढ़ने से सभी अस्पताल पटे पड़े हैं। राजधानी देहरादून के दून अस्पताल कोरोनेशन सहित कई अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती दिखाई दे रही है।

वहीं मुख्यमंत्री ने डेंगू को लेकर स्पष्ट किया कि लोगों में जिस तरह से खौफ बढ़ रहा है उसे दूर करना होगा। उन्होंने जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से डेंगू के रोकथाम के प्रयासों की समीक्षा भी की।

श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि जिलाधिकारी अपने जिलों में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बन्द करें और पैथोलॉजी वाले और डॉक्टर भी समन्वय बनाकर फीस निर्धारित करें मुख्यमंत्री ने डेंगू पर संयोग बताते हेबकहा कि डेंगू ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में ज्यादा है जितने भी मरीज आ रहे हैं वह सहरी क्षेत्र के आ रहे हैं चंद दिनों बाद ही डेंगू से स्थिति साफ हो जाएगी ।

वहीं मुख्यमंत्री ने सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग सहित एसडीआरएफ के अधिकारियों के साथ भी बैठक की। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि इस वर्ष आपदा में जरूर कुछ लोगों ने जान गवाई है लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में यह संख्या 35 कम है। बंद पड़ी सभी सड़कों को दो दिनों में खोल दिया जाएगा। साथ ही पानी की लाइनें भी विभाग लगातार खोलने का प्रयास कर रहा है।

श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तरकाशी के जिन दो गांवों में बिजली नहीं पहुंच पाई है उन गांव में जल्द ही बिजली पहुंचा दी जाएगी। साथ ही ऋषिकेश बदरीनाथ यात्रा मार्ग रविवार को खुल गया है इसके अलावा जगह-जगह पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है उन जगहों पर सरकार पूरी मशीनरी लगा रही है और पूरा रास्ता साफ कर लिया जाएगा। उन्होंने आपदा से जुड़े हुए मामलों पर सीधे तौर पर कहा कि इस बार आपदा से जुड़े हुए कामों पर तुरंत राहत लोगों को दी गई है। एसडीआरएफ की टीम उन जगहों पर स्पेशल लगा दी गई है और पूरे राज्य में हालात अब नियंत्रण में है।


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