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बारिश के बाद डेंगू, चिकनगुनिया का कहर

पूरे साल आंकड़ेबाजी में व्यस्त स्वास्थ्य विभाग डेंगू के मामले बढ़ते ही कार्रवाई के नाम पर दौड़ भाग शुरू करता है

बारिश के बाद डेंगू, चिकनगुनिया का कहर
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गाजियाबाद। पूरे साल आंकड़ेबाजी में व्यस्त स्वास्थ्य विभाग डेंगू के मामले बढ़ते ही कार्रवाई के नाम पर दौड़ भाग शुरू करता है। बरसात में छिड़काव व फॉगिंग की शुरुआत करने वाला विभाग अगर इसी कार्रवाई को दो महीने पहले ही शुरू कर दे तो निश्चित तौर बड़ी संख्या में मच्छरों का सफाया हो जाए और शहर के बासिंदों को डेंगू के डंक से निजात मिल जाए।

नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण गत वर्ष 664 डेंगू की चपेट में आए थे। कमोवेश यही स्थिति इस साल स्थिति और भी विकराल होने की संभावना बनी है। क्योंकि इस बार बरसात में ही स्वाइन फ्लू के मामले भी बढ़ने लगे हैं, जबकि डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ना स्वाभाविक है। इस बार सामान्य से अधिक बरसात होने पर जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई है।

यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए भी अनुकूल हो जाता है। इसके बावजूद अभी तक न तो स्वास्थ्य विभाग या नगर निगम का कहीं फॉगिंग दिखाई दे रहा है और न ही स्वास्थ्य विभाग का छिड़काव। यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में तैयारी के नाम पर वार्डों के नाम पर पट्टिका लगा दी गई है। क्या है डेंगू यह मादा एनाफ्लीज मच्छर के काटने पर एक खास किस्म के वायरस से होता है। इसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक प्रत्यक्ष तौर पर नहीं फैलता लेकिन डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से यह तेजी से फैलता है। डेंगू के मच्छर दिन और रात दोनों वक्त काटते हैं।

लक्षण

डेंगू के शुरुआती लक्षणों में रोगी को तेज ठंड लगती है, सिरदर्द, कमरदर्द और आंखों में तेज दर्द हो सकता है। इसके साथ ही उसे लगातार तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, बेचैनी, उल्टियां, लो ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है।

उपचार

डेंगू वायरस के कारण होता है इसलिए इसका उपचार किसी एक तरह से संभव नहीं है। डेंगू का उपचार इसके लक्षणों में होने वाले आराम को देखते हुए किया जाता है। इस दौरान अधिक से अधिक पानी व पेय पदार्थ पीना चाहिए, आराम करना जरूरी है। डेंगू के उपचार में अगर अधिक देरी हो जाए तो यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर (डीएचएफ) का रूप लेने के साथ ही अधिक भयावह हो सकता है। डीएचएफ की आशंका दस साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा होती है। उन्हें तेज पेट दर्द, ब्लीडिंग और शॉक जैसी सैमस्याएं हो सकती हैं।

बचाव के उपाय

डेंगू से बचाव के लिए अभी तक कोई टीका नहीं है इसलिए इसके बचाव के लिए हमारी सजगता जरूरी है। डेंगू का वायरस मच्छरों द्वारा संक्रमित होता है इसलिए मच्छरों को घर में बिल्कुल न होने दें। साफ-सफाई बहुत जरूरी है क्योंकि गंदगी में डेंगू के मच्छरों की आशंका बढ़ जाती है। बाल्टियों व ड्रम में जमा पानी को हमेशा ढंककर रखें और आस-पास के गड्ढे आदि में पानी न जमा होने दें।


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